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वसूली के आरोप में 4 पुलिसकर्मियों के खिलाफ दर्ज हुआ मुकदमा, इंदिरापुरम थाने में थे तैनात

सरकार भले ही भ्रष्टाचार मुक्त करने के लाख दावे करें। लेकिन सरकारी महकमों में बैठे उसके अपने ही सरकार की भ्रष्टाचार मुक्त मुहिम को पलीता लगा रहे हैं। आए दिन भ्रष्टाचार और वसूली के नए मामले सामने आते रहते हैं। ऐसे ही एक मामला जिले में सामने आया है। जिसमें 4 पुलिसकर्मियों का वसूली मामले में दोषी पाया गया।

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नोएडा. दिल्ली से सटे गाजियाबाद के थाना इंदिरापुरम में तैनात 4 पुलिसकर्मियों के खिलाफ वसूली करने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया है। इंदिरापुरम थाने के इन पुलिसकर्मियों और उनके दो मददगारों के खिलाफ यह मुकदमा पड़ोसी जिले नोएडा के फेस-3 थाने में दर्ज किया गया है।

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इस मामले में दर्ज हुआ मुकदमा

नोएडा पुलिस के मुताबिक, बीते 23 अक्टूबर को थाना फेस-3 क्षेत्र के अंतर्गत गढ़ी चौखंडी में सुबह 8.30 बजे राजेन्द्र यादव और अमित निवासी बहलोलपुर दोनों लोग 4 पुलिसकर्मियों के साथ गढ़ी चौखंडी के रहने वाले लीलू के घर आये। इस दौरान पुलिसकर्मियों ने लीलू और उसके भाई सलेक चंद के साथ भतीजे को गाड़ी में बैठा लिया। आरोप है कि सभी को अपने साथ थाना इंदिरापुरम गाजियाबाद ले गये। जहां पर उन्हें झूठे मुकदमे में डराया-धमकाया गया। इतना ही नहीं उन्हें हवालात में भी बंद कर दिया गया। जबकि उनका कोई किसी प्रकार का कसूर नहीं था।

जबरन कराया चेक पर हस्ताक्षर

बताया जाता है कि लीलू ने राजेन्द्र यादव से पैसे उधार लिये थे। इस उधार को लीलू ने राजेन्द्र यादव को वापस चुकता कर दिया था। किंतु पुलिसकर्मियों ने जबरन दबाव बनाकर 5-5 लाख रुपये के दो चेक पर हस्ताक्षर कराकर इनको थाना इंदिरापुरम से छोड़ दिया गया। इतना ही नहीं पुलिसकर्मियों ने थाने से छोड़ते समय यह भी कहा कि अगर इस बारे में किसी को जानकारी दी गई तो वे उसको जेल भेज देंगे।

आरोपी पुलिसकर्मियों को थाने से हटाया-एसएसपी

थाना इंदिरापुरम से छूटने के बाद लीलू ने अपने भाई और भतीजे के साथ मिलकर नोएडा थाना फेस 3 में एक लिखित प्रार्थना पत्र दिया। जिसके आधार पर राजेन्द्र यादव, अमित यादव और 4 अज्ञात पुलिस कर्मियों के खिलाफ गलत तरीके से जबरन लाने और वसूली के आरोप में आईपीसी की धारा 342, 384 के अंतर्गत मामला दर्ज किया गया है। बाकी आवश्यक कार्रवाई की जा रही है। इस बारे में एसएसपी गाजियाबाद पवन कुमार का कहना है कि आरोपी पुलिसकर्मियों को थाने से हटा दिया गया है। वहीं इनकी जांच के भी आदेश दिए गए हैं।

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