
2019 लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा को बड़ा झटका, सीएम योगी के इस फैसले ने बढ़ाई पीएम मोदी की मुश्किलें
सहारनपुर. 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर उर्फ रावण से रासुका (नेशनल सिक्योरिटी एक्ट) हटाकर जेल से 2 महीने पहले रिहा करना मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को महंगा पड़ता नजर आ रहा है। जेल से रिहा होते ही भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर उर्फ रावण ने भाजपा सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने जहां बसपा सुप्रीमो मायावती से खून का रिश्ता बताते बुआ जी कहा है तो वहीं कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष इमरान मसूद के लिए जान देने की बात कहते हुए अपना भाई बता डाला है। इतना ही नहीं उन्होंने दावा किया है किसी भी कीमत पर वह मोदी सरकार को 2019 में सत्ता से बाहर कर देंगे। इसके लिए उन्होंने भाजपा के खिलाफ महागठबंधन के समर्थन का भी ऐलान कर दिया है। वहीं इस फैसले से ठाकुर समाज ने भी नाराजगी जाहिर की है। इस तरह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का यह फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मिशन 2019 में बड़ा रोड़ा साबित हो सकता है।
उल्लेखनीय है कि 9 मई 2017 काे सहारनपुर में भड़की जातीय हिंसा के बाद पुलिस ने भीम आर्मी के संस्थापकक चंद्रशेखर उर्फ रावण काे मुख्य आराेपी बनाया था, जिसके बाद 5 जून 2017 काे डलहाैडी से चंद्रशेखर काे गिरफ्तार कर लिया गया था। 30 अक्टूबर काे चंद्रशेखर काे सभी मुकदमाें में जमानत मिल गई, लेकिन 1 नवंबर काे ही जिला प्रशासन ने चंद्रशेखर पर रासुका लगा दी। यही कारण रहा कि जमानत मिलने के बाद भी चंद्रशेखर जेल से रिहा नहीं हाे सके। अब 2 नवंबर 2018 काे यह रासुका खत्म हाेनी थी। इसी बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दाे महीने पहले ही रासुका हटाकर चंद्रशेखर की रिहाई के आदेश जारी कर दिए। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के इस फैसले को भाजपा की 2019 लोकसभा चुनाव की रणनीति से जोड़कर देखा जा रहा था। स्थानीय भाजपा नेताओं को उम्मीद थी कि इससे लोकसभा चुनाव में भाजपा को बड़ा फायदा होगा, लेकिन जेल से बाहर आते ही चंद्रशेखर उर्फ रावण ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मंसूबों पर पानी फेर दिया है।
भाजपा को फिर से सत्ता में नहीं आने देंगे
जेल से बाहर आते ही भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर उर्फ रावण ने कहा है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सरकार ने उन्हें दो माह पहले जेल से इसलिए रिहा किया है, क्योंकि भाजपा सरकार 2019 का लोकसभा चुनाव बचाना चाहती है, लेकिन भाजपा अपने इस मंसूबे में कामयाब नहीं हो पाएगी। इतना ही नहीं उन्होंने भाजपा को हराने के लिए महागठबंधन के समर्थन का भी ऐलान कर दिया है। हालांकि उन्होंने खुद चुनाव लड़ने से मना कर दिया। अपने आंदोलन को लेकर चंद्रशेखर ने कहा, अब हम प्रयास करेंगे कि हमारा आंदोलन हिंसक न हो, जो हमसे सरकार कराती है। हम संवैधानिक तरीके से आंदोलन करेंगे। देश में कहीं भी बहुजन पर अन्याय होगा तो हम किसी सूरत में चुप नहीं रहेंगे। सरकार हमें लाठी से मारे या नेशनल सिक्योरिटी एक्ट (रासुका या एनएसए) लगा दे, लेकिन किसी भी कीमत पर भाजपा को फिर से सत्ता में नहीं आने देंगे।
बसपा सुप्रीमो मायावती से बताया खून का रिश्ता
जेल से बाहर आते ही भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर उर्फ रावण ने भाजपा और योगी सरकार के खिलाफ उग्र रुख अपना लिया है। उन्होंने कहा कि अब किसी भी सूरत में इस सरकार को सत्ता से उखाड़ फेंकेंगे। बसपा सुप्रीमो मायावती के समर्थन के सवाल पर चंद्रशेखर ने कहा कि उनसे मेरा खून का रिश्ता है। बुआ जी ने समाज के लिए बहुत काम किया है। इसलिए वे निजी तौर पर उनका सम्मान करते हैं। जो भी समाज के लिए अच्छा काम करेगा उससे मेरा खून का रिश्ता है। उन्होंने कहा कि भाजपा को 2019 के लोकसभा चुनाव में हराने के लिए वह कुछ भी करने को तैयार हैं।
कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष को लगाया गले
शुक्रवार को कांग्रेस उपाध्यक्ष इमरान मसूद चंद्रशेखर से मिलने उनके आवास पर पहुंचे। इस दौरान चंद्रशेखर ने इमरान मसूद को भरी सभा में गले लगाया और कहा कि इमरान मसूद कहीं भी रहें, किसी भी पार्टी में रहें, चंद्रशेखर उनके साथ है। बता दें कि पुलिस ने जब सहारनपुर में भड़की जातीय हिंसा के आरोप में डलहौजी से चंद्रशेखर को गिरफ्तार किया था तब इमरान मसूद ने चंद्रशेखर की मां और भाई अपने घर पर बुलाकर प्रेस कॉन्फ्रेंस करवाई थी। इसके बाद से लगातार कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष इमरान मसूद चंद्रशेखर के लिए खड़े रहे। यही वजह है कि जेल से छूटने के बाद चंद्रशेखर उर्फ रावण ने साफ कहा कि जब वह जेल के अंदर था तो इमरान मसूद बाहर खड़े हुए थे। जब सभी ने साथ छोड़ना शुरू कर दिया था ऐसे में इमरान मसूद उनके साथ खड़े रहे।
ठाकुर समाज भी हुआ नाराज
वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के इस फैसले से ठाकुर समाज भी नाराज हैं। पहले एससी-एसटी एक्ट पर विरोध आैर अब प्रदेश सरकार द्वारा सहारनपुर के शब्बीरपुर में जातीय हिंसा के मुख्य आरोपी भीम सेना के प्रमुख चंद्रशेखर उर्फ रावण को समय से पहले रिहा करने के फैसले से राजपूत समाज भी नाराज हो गया है। उनका कहना है कि मौजूदा स्थिति में भाजपा सरकार सवर्ण जातियों से अलग होकर दलितों पर प्रेम दिखा रही है। वह सही नहीं है। अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के क्षेत्रीय संगठन मंत्री आैर भाजपा के वरिष्ठ नेता ठाकुर संजीव पुंडीर का कहना है कि सवर्ण जातियों को सरकार जिस तरह अलग-थलग कर रही है। उससे स्थिति मुश्किल बन गर्इ है। 2019 चुनाव तो अभी दूर हैं, लेकिन आज अगर लोक सभा चुनाव हो जाएं तो 'नोटा' पर वोट करेंगे।
Published on:
15 Sept 2018 12:04 pm
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