तांत्रिक ने जलती चिता से निकाली खोपड़ी और बोला- यहां हर छठे दिन उठेगी अब एक लाश, लोगों मेें दहशत यहां बता दें कि गौतमबुद्ध नगर जिले के बादलपुर कोतवाली क्षेत्र के महावड़ गांव निवासी 54 वर्षीय महिला बाला देवी किडनी और लीवर की समस्या थी। उसे परिजनों ने नोएडा के फोर्टिस अस्पताल में भर्ती कराया था। बताया जा रहा है कि उपचार के दौरान 18 अगस्त को महिला ने दम तोड़ दिया। इसके बाद अस्पताल प्रबंधन ने शव को कपड़े में सील करके शवगृह में रखवा दिया। महिला की मौत की खबर सुनते ही गांव और परिवार में मातम पसर गया। रोते-बिलखते परिजन शवगृह से शव बिना देखे गांव पहुंचे और अंतिम संस्कार की तैयारी में जुट गए। जब शव से कपड़ा हटाया गया तो सभी के होश उड़ गए। उन्होंने देखा कि शव किसी पुरुष का था। आनन-फानन में परिजन व ग्रामीण शव लेकर वापस अस्पताल पहुंचे और अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया। इसके बाद अस्पताल प्रबंधन ने महिला का शव परिजनों को सौंप दिया। हालांकि परिजनों ने पुलिस में कोई शिकायत नहीं दर्ज कराई। परिजनों के अनुसार उस वक्त वे लोग काफी दुखी थे। इसलिए उन्होंने पुलिस प्रशासन से शिकायत करने की जगह पहले शव का अंतिम संस्कार करने का फैसला लिया। इसलिए मामले में उस वक्त कोई शिकायत नहीं की गई थी। उनके अस्पताल पहुंचने पर अस्पताल प्रबंधन के लोगों ने भी उनसे माफी मांगी थी।
गोवंश ले जा रहे युवकों को बेरहमी से पीटा, हिंदू गोरक्षा दल का राष्ट्रीय अध्यक्ष गिरफ्तार, 30 लाेगों पर केस दर्ज महिला की जगह पुरुष का शव भेजने के मामले में फोर्टिस अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि 18 अगस्त को लगभग 15 मिनट के अंतराल में अस्पताल में दो मौते हुईं थीं। एक पुरुष था और दूसरी महिला थी। शवों को सौंपते वक्त हमारी मोर्चरी के अधिकारियों ने नियमानुसार दोनों परिवारों से शवों की पहचान करने को कहा था। इस दौरान एक परिवार ने शव की पहचान करने में गड़बड़ी कर दी। इस वजह से पीड़ित परिवार खुद पुरुष का शव ले गया था। हालांकि जल्द ही गलती पहचान ली गई और तुरंत उसे सुधार लिया गया। भविष्य में अस्पताल प्रबंधन इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाएगा।