
नोएडा। पूरे देश में होली की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। इसे हिंदुओं का प्रमुख पर्व माना जाता है लेकिन पश्चिमी उत्तर प्रदेश में एक जगह ऐसी भी है, जहां मुसलमान भी रंगों के इस पर्व में सराबोर होते हैं। हम बात रह रहे हैं उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद के गांव बीपुरबरियार की। वहां मुसलमान भी गुझिया व अन्य पकवान बनाकर मेहमानों की खातिरदारी करते हैं। यह गांव अपने आप में सद्भावना की बड़ी मिसाल है। आपको बता दें कि इस बार होलिका दहन 1 मार्च और दुल्हैंडी 2 मार्च को है।
सैकड़ों वर्षों से चली अा रही है परंपरा
मुरादाबाद के गांव बीपुरबरियार में यह परंपरा सैकड़ों वर्षों से चली आ रही है। होली का त्यौहार मनाकर उन्होंने सांप्रदायिक सद्भ्ाावना की यह मिसाल वर्षों से कायम कर रखी है। यह गांव जिला मुख्यालय से करीब 30 किमी दूर स्थित है। काफी दिन पहले से ही यहां के मुसलमान तैयारी में जुट जाते हैं। करीब एक हफ्ते पहले से शुरू हुआ मेला त्यौहार के बाद तक चलता है। इतना ही नहीं यहां के मुसलमान होली की चौपाई भी गाते हैं।
शुरू हो चुकी हैं त्यौहार की तैयारियां
गांव के पूर्व प्रधान हाजी रशीद अहमद बताते हैं कि उनके दादा भी गांव में होली परंपरा का जिक्र किया करते थे। वहीं, मुराद हुसैन व हाजी रईस कहते हैं कि गांव में होली खेलने का चलन सैकड़ों साल पुराना है। उनका कहना है कि गांव में होली की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं।
चौपाई निकालने की परंपरा आज भी जिंदा
गांव के बुजुर्गों के अनुसार, गांव में होली की चौपाई निकालने की परंपरा आज भी जिंदा है। वह कहते हैं रंग व गुलाल का चलन कुछ कम हुआ है लेकिन चौपाई निकालने की परंपरा जारी है। यह देखने के लिए आसपास के जिलों बरेली व रामपुर से लोग भी यहां आते हैं। यहां के मुसलमान लजीज पकवानों से उनका स्वागत करते हैं। ग्रामीणों का कहना है कि गांव में आने वाले मेहमानों की खातिरदारी गुझिया व अन्य पकवानों खोया व दूध, व घी परोस कर की जाती है। सभी घरों में इस तरह का पकवान होता है।
Published on:
21 Feb 2018 02:43 pm
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