
सहारनपुर. बुधवार से पुरुषोत्तम यानी मलमास शुरू हो चुका है। 13 जून तक चलने वाला यह माह बेहद फलदाई है। प्रोफेसर राघवेंद्र स्वामी के मुताबिक शास्त्रों में इस मास में पूजा अर्चना और व्रत का विशेष महत्व है, जो लोग इस माह में साफ मन से पूजा अर्चना करते हैं उनके वर्षों के कष्ट दूर हो जाते हैं। लेकिन, इस भूलवश भी कुछ गलतियां नहीं करनी चाहिए अन्यथा लाभ के बदले हानि होगी। साथ ही लक्ष्मी जी रुष्ट हो जाएंगी।
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और इस महीने इमानदारी और लगन से की गई मेहनत अगले 3 वर्षों तक फल देने वाली है। यानी अगर आप अपने व्यापार उद्योग या नौकरी में बढ़ोतरी चाहते हैं तो यह पुरुषोत्तम मास आपके लिए बेहद महत्वपूर्ण समय है यही समय है जब आपको आगे बढ़ने के अवसर मिलेंगे आपको सिर्फ इस मास में मेहनत करनी है और अवसर को पहचानते हुए आगे बढ़ना है।
भगवान विष्णु है इस महीने के स्वामी
शास्त्रों के मुताबिक पुरुषोत्तम मास का नामकरण खुद भगवान विष्णु ने किया था और यही कारण है कि इस महीने के स्वामी भी भगवान विष्णु हैं। पुरुषोत्तम मास को अलग-अलग नामों से भी जाना जाता है इसका एक नाम अधिक मास, दूसरा नाम अधिमास और तीसरा नाम मलमास भी है। मलमास से हम आपको बताते हैं कि इस महीने में मन की शुद्धि की जा सकती है और आपके मन में जितने भी द्वेष और दुर्भावना हैं उन सभी को दूर करने का भी यह महीना है।
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सावन माह में नहीं कर पाए हैं व्रत तो पुरुषोत्तम माह है श्रेष्ठ
पुरुषोत्तम मास व्रत के लिए भी महत्वपूर्ण है जो व्यक्ति किन्ही कारणों से श्रावण मास में व्रत नहीं रख पाए हैं वह इस पुरुषोत्तम मार्च में व्रत रखकर वही फल प्राप्त कर सकते हैं जो श्रावण मास में प्राप्त होता है। प्रोफेसर राघवेंद्र स्वामी के मुताबिक पुरुषोत्तम मार्स अति उत्तम मास है और इस महीने में विष्णु सहस्त्रनाम श्री सूक्त और पुरुष सूक्त का पाठ करने से कस्तूर हो जाते हैं।
Published on:
17 May 2018 10:38 am
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