30 दिसंबर 2025,

मंगलवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

वायरल पोस्टर पर भड़के सपा कार्यकर्ता, सियासत तेज, थाने के सामने किया विरोध-प्रदर्शन

विजयदशमी के अवसर पर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर वायरल हुए एक पोस्टर ने राजनीतिक माहौल को गर्मा दिया है। समाजवादी पार्टी (सपा) ने इस पोस्टर को बेहद आपत्तिजनक करार देते हुए थाना सेक्टर-24 में विरोध दर्ज कराया है।

2 min read
Google source verification

थाने के बाहर सपा कार्यकर्ताओं ने किया प्रदर्शन, PC- IANS

नोएडा। विजयदशमी के अवसर पर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर वायरल हुए एक पोस्टर ने राजनीतिक माहौल को गर्मा दिया है। समाजवादी पार्टी (सपा) ने इस पोस्टर को बेहद आपत्तिजनक करार देते हुए थाना सेक्टर-24 में विरोध दर्ज कराया। पार्टी कार्यकर्ताओं ने थाने के बाहर नारेबाजी की और आरोपी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग को लेकर पुलिस को शिकायत पत्र सौंपा।

मामला एक ऐसे पोस्टर से जुड़ा है जो एक्स पर वायरल हो रहा है। पोस्टर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को हवन करते हुए दर्शाया गया है, जबकि उसके ऊपरी हिस्से में लिखा है, 'जब-जब धर्म की स्थापना होती है, तब-तब असुरों को परेशानी होती है।'

इसके ठीक ऊपर कांग्रेस नेता राहुल गांधी, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की तस्वीरों को कथित रूप से ‘राक्षस रूप’ में प्रदर्शित किया गया है। इस पोस्टर के सामने आते ही सपा कार्यकर्ताओं में भारी आक्रोश फैल गया। सपा के जिला अध्यक्ष के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं का प्रतिनिधिमंडल थाना सेक्टर-24 पहुंचा।

कार्यकर्ताओं ने पुलिस स्टेशन के बाहर जमकर नारेबाजी की और कहा कि इस तरह के पोस्टर समाज में नफरत फैलाने का काम करते हैं। यह न केवल विपक्षी नेताओं का अपमान है बल्कि लोकतांत्रिक मूल्यों पर भी हमला है। सपा नेताओं ने पुलिस को सौंपे गए ज्ञापन में बताया कि यह पोस्टर कथित तौर पर नोएडा के चौड़ा गांव निवासी एक युवक द्वारा बनाया और शेयर किया गया है।

शिकायत पत्र में लिखा गया है कि यह कृत्य जानबूझकर शहर का माहौल खराब करने और राजनीतिक द्वेष फैलाने के उद्देश्य से किया गया है। उन्होंने मांग की कि उक्त व्यक्ति के खिलाफ तुरंत मुकदमा दर्ज कर सख्त कार्रवाई की जाए। सपा कार्यकर्ताओं ने चेतावनी दी कि यदि समय रहते कार्रवाई नहीं की गई तो वे व्यापक आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।

उनका कहना है कि राजनीतिक मतभेद अपनी जगह हैं, परंतु मर्यादा का उल्लंघन किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। पुलिस अधिकारियों ने शिकायत पत्र ले कर मामले की जांच का आश्वासन दिया है।