
नोएडा। गौतम बुद्ध नगर (Gautam Budh Nagar) में होमगार्डों की ड्यूटी (Duty) में घोटाला सामने आया था। इसमें फर्जी मस्टर रोल और थाने की फर्जी मोहर का इस्तेमाल कर सरकार को करोड़ों रुपए का चूना लगाया गया था। इसकी जांच की जा रही है। इस जांच के कारण होमगार्डों को पिछले 4 माह से वेतन नहीं मिल पाया है। इस कारण होमगार्ड (Home Guard) आर्थिक परेशानी से जूझ रहे हैं।
डीएम कार्यालय पर किया था प्रदर्शन
इसको लेकर होमगार्डों ने डीएम (DM) कार्यालय पर प्रदर्शन कर अपनी मांग रखी थी, लेकिन अब तक कुछ नहीं हो पाया है। अब होमगार्ड प्रवीण रोहिल्ला ने सोशल मीडिया के माध्यम से अपनी आर्थिक स्थिति का वर्णन करते हुए डीएम से समस्या को तत्काल हल किए जाने की मांग की है। सोशल मीडिया के माध्यम से आर्थिक स्थिति के बारे में बताने वाले प्रवीण रोहिल्ला 16 साल से होमगार्ड के पद पर कार्यरत हैं। फिलहाल वह नोएडा (Noida) के आरटीओ (RTO) दफ्तर में तैनात हैं।
डीएम को किया ट्वीट
प्रवीण ने डीएम को ट्वीट करके कहा है कि उन्हें 4 माह से वेतन नहीं मिल पा रहा है। अब उन्हें वेटिंग में डाल दिया गया है। वेतन की मांग करने पर अधिकारी उनसे शासन से बजट नहीं आने की बात कहते हैं। इसके चलते वह अपने बच्चों की स्कूल स्कूल की फीस भी जमा नहीं कर पा रहे हैं। बिजली का कनेक्शन भी कट गया है। आर्थिक तंगी के कारण बच्चों का दूध तक बंद करना पड़ा है। कुछ दिन पहले जब उनका बेटा बीमार हुआ तो कर्ज लेकर उसका इलाज कराना पड़ा था। प्रवरण रोहिल्ला ने कहा कि यह हमेशा आजकल वेतन देने की बात कहते हैं। उनके अधिकारी मस्टररोल देकर आए थे लेकिन उनको बजट नहीं होने की बात कही गई थी।
बच्चों की स्कूल फीस नहीं दे पा रहे हैं
इसके अलावा जिले के अन्य होमगार्ड भी वेतन नहीं मिलने के कारण अपने बच्चों की स्कूल की फीस नहीं भर पाए हैं। उन्होंने आर्थिक तंगी और अन्य समस्याएं होने की बात कही है। इन होमगार्डों ने अपनी समस्या को लेकर 16 दिसंबर को डीएम के कार्यालय पर धरना भी दिया था। लेकिन उन्हें सिर्फ आश्वासन मिला, सैलरी नहीं मिली।
कर्ज के तले दबे
होमगार्ड अनिल कुमार का कहना है कि भारत में सभी सरकारी कर्मचारी वैतनिक हैं। चाहे वह देश का प्रधानमंत्री हो, मुख्यमंत्री हो या पुलिस बल हो, लेकिन होमगार्ड कर्मियों को वेतन नहीं मिलता है। उन्हें 600 प्रतिदिन का भत्ता मिलता है। यह भी हमेशा लेट मिलता है। अब जब घोटाले की जांच चल रही है तो उन्हें पिछले 4 महीने से एक भी पैसा नहीं मिला है। वह बड़ी मुसीबत में आर्थिक तंगी के बीच अपना जीवन यापन करने के लिए मजबूर हैं। घरों में चूल्हे नहीं जल पा रहे हैं। बच्चों की स्कूल फीस नहीं जमा हो पा रही है। किसी के परिवार का कोई सदस्य बीमार है। वेतन नहीं मिलने से उन्हें कर्ज के बोझ तले जीना पड़ रहा है।
Updated on:
07 Jan 2020 03:36 pm
Published on:
07 Jan 2020 03:27 pm
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