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मौनी अमावस्या : अपनी राशि के अनुसार आज कर लें ऐसा काम, बदल जाएगी किस्मत, जानिए कैसे

पीपल की 108 बार परिक्रमा करनी चाहिए। परिक्रमा में पीपल के वृक्ष पर कोई वस्तु हर बार चढ़ानी चाहिए। परिक्रमा पूरी होने पर चढ़ाई वस्तुएं किसी ब्राह्मण को दान करनी चाहिए।

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पाली

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Rakesh Mishra

Feb 09, 2024

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Falgun Amavasya

सनातन धर्म में अमावस्या तिथि का विशेष महत्व है। माघ मास की अमावस्या मौनी अमावस्या कहलाती है। शास्त्रों के अनुसार इस दिन ऋषि मनु का जन्म हुआ था, इसलिए इसे मौनी अमावस्या कहते हैं। इस दिन भगवान शिव और भगवान विष्णु का पूजन करना बेहद शुभ होता है। आज ही मौसी अमावस्या है।

पितरों का आशीर्वाद पाने का भी यह खास दिन
पाली के ज्योतिषाचार्य शास्त्री प्रवीण त्रिवेदी ने कहा कि पितरों का आशीर्वाद पाने का भी यह खास दिन है। इस दिन दान, पिंडदान, तर्पण करने से पूर्वज प्रसन्न होते हैं। पुराणों के अनुसार इस दिनपवित्र नदियों व गंगा का जल अमृत के समान हो जाता है। गंगा स्नान करने से अश्वमेघ यज्ञ करने के समान फल मिलता है। इस दिन घर में सुबह उठकर सूर्योदय से पूर्व स्नान आदि करना चाहिए। गंगा जल ग्रहण करें।

मौन व्रत का करें पालन
स्नान करते हुए मौन धारण करें और जाप करने तक मौन व्रत का पालन करना चाहिए। इस दिन मौन व्रत रखना चाहिए। यदि किसी व्यक्ति के लिए मौन रखना संभव नहीं हो तो वह अपने विचारों को शुद्ध रखें। मन में किसी तरह की कुटिलता नहीं आने दें। मौन रहकर कार्य करने से ज्ञानेन्द्रियां व कामेन्द्रियां एकाग्र होती हैं और कार्य सुचारु रूप से संपन्न होता है।

सूर्य-चंद्रमा का होता है मिलन
अमावस्या पर रुद्राभिषेक करने का विधान है। इस दिन सूर्य-चंद्रमा का मिलन होता है। चंद्रमा, सूर्य से अस्त हो जाता है। अमावस्या पर चंद्रमा से संबंधित सफेद वस्तुएं जैसे चीनी, चावल, दूध, दही आदि का दान करने से चंद्रमा अनुकूल होता है। दान के बाद तुलसी, भगवान शंकर, पार्वती की पूजा करनी चाहिए। पीपल की 108 बार परिक्रमा करनी चाहिए। परिक्रमा में पीपल के वृक्ष पर कोई वस्तु हर बार चढ़ानी चाहिए। परिक्रमा पूरी होने पर चढ़ाई वस्तुएं किसी ब्राह्मण को दान करनी चाहिए।

- मेष व वृश्चिक: लाल मसूर की दाल, गुण, लाल चंदन, लाल फूल, सिंदूर, तांबा, मूंगा, लाल वस्त्र आदि।
- वृष व तुला: सफेद वस्त्र, कपूर, खुशबूदार अगरबत्ती, धूप, इत्र, दही, चावल, चीनी, दूध, चांदी आदि।
- मिथुन व कन्या: हरी सब्जी, हरा फल, हरा वस्त्र, कांसे का बर्तन, पन्ना या उपरत्न ऑनेक्स, हरी दाल, आदि।
- कर्क : दूध, दही, चावल, सफेद वस्त्र, चीनी, चांदी, मोती, शंख, कपूर, बड़ा बताशा आदि।
- सिंह: गेंहू, गुड़, लाल वस्त्र, लाल पुष्प, लाल चन्दन, माणिक्य, शहद, केसर, सोना, तांबा, शुद्ध घी, कुमकुम आदि दक्षिणा सहित।

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- धनु व मीन: पीला वस्त्र, हल्दी, पीला अनाज, केला, चने की दाल, पुखराज या उसका उपरत्न सुनहला अथवा पीला हकीक, देशी घी, सोना, केसर, धार्मिक पुस्तक, पीला फूल, शहद आदि।
- मकर व कुंभ: काले तिल, काला वस्त्र, लोहा, काली उड़द दाल, काले फूल, सुरमा (काजल), चमड़े की चप्पल, कोयला, काला मिर्च, नीलम अथवा उसका उपरत्न जमुनिया, काले चने, काली सरसों, तेल आदि।

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