
पत्रिका फोटो
राजस्थान में आंगनबाड़ी केन्द्रों की दशा कैसी है? बच्चों को कैसा पोषाहार मिलता है? शौचालय व पेयजल सुविधा है या नहीं? आदि की जानकारी लेने प्रदेश में अगले माह केरल से टीम आएगी, जबकि राजस्थान की टीम छत्तीसगढ़ राज्य में सर्वे के लिए जाएगी। पूरे देश में अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग राज्य का दल जाएगा।
राजस्थान में केरल से आने वाली टीम 15 फरवरी से 31 जुलाई तक प्रदेश की 1257 ग्राम पंचायतों का विजिट कर सर्वे करेंगी। साथ ही राज्य स्तरीय दल भी इन पंचायतों का विजिट करते हुए आंगनबाड़ी केन्द्र देखेगी। यह कार्य सक्षम आंगनबाड़ी व पोषण 2.0 अब्रेला मिशन तहत किया जा रहा है, जिसमें सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाली देश की 1000 सुपोषित ग्राम पंचायतों को 1 लाख रुपए प्रति ग्राम पंचायत पुरस्कार दिया जाएगा। सर्वश्रेष्ठ तीन जिलों, जिनमें सुपोषित ग्राम पंचायतों की संख्या सबसे अधिक होगी। उनको सम्मानित किया जाएगा।
ब्लॉक-ग्राम पंचायत
सोजत-अटबड़ा, भैसाणा, झूपेलाव, शिवपुरा
जैतारण-चौराहा, बलाड़ा, खारड़ी, फूलमाल
खारची-बांता, हिंगोला खुर्द, जाणुंदा, पांचेटिया
बाली- भंदर, फालना गांव, सेणा
बगड़ी- बोरनारी, चंडावल, झिंझार्डी, खोखरा, सांडिया
रानी स्टेशन-चांचौड़ी, देवली पाबुजी, इटंदरा चारणान, केरली, निपल, वरकाणा, वणदर
सुमेरपुर-गलथनी, नोवी, सिंदरू
पाली-हेमावास
रायपुर-झूठा
ग्राम पंचायत को 1 लाख रुपए मिलने पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व सहायिकाओं को 25 प्रतिशत राशि दी जाएगी। सामुदायिक सहभागिता और आंगनबाड़ी केन्द्र में लाभार्थी नामांकन बढ़ाने के लिए 25 प्रतिशत व आंगनबाड़ी केन्द्र में पोषण गतिविधियों के लिए 50 प्रतिशत राशि दी जाएगी।
इस योजना का उद्देश्य आंगनबाड़ी केन्द्रों की आधारभूत संरचना, सेवा वितरण प्रणाली तथा गर्भवती, धात्री महिलाओं के साथ बच्चों के पोषण में सुधार करना है। पाली जिले की 33 ग्राम पंचायतों के आंगनबाड़ी केन्द्रों की दल जांच करेंगे।
Published on:
24 Jan 2025 08:36 am
बड़ी खबरें
View Allपाली
राजस्थान न्यूज़
ट्रेंडिंग
