
खसरा-रुबेला टीकाकरण अभियान : जिले के नौ माह से 15 साल के साढ़े छह लाख बच्चों को लगाए जा रहे हैं टीके
पाली। मिजल्स रूबेला टीकाकण अभियान [ Khasra-Rubella vaccination campaign ] सोमवार को शुरू किया गया। इसमें खसरा-रूबेला रोग [ Measles-rubella disease ] से बचाने के लिए जिलेभर के छह लाख 73 हजार से अधिक बच्चों को एमआर टीका [ mr vaccine ] लगाया जाएगा। अभियान को लेकर जिला प्रशासन [ District administration ] व चिकित्सा विभाग [ medical Department ] ने पूर्व में ही तैयारी कर ली थी। जिला कलक्टर दिनेशचंद जैन [ district collector Dineshchand Jain ] ने बताया कि अभियान के तहत नौ माह से लेकर 15 साल तक के बच्चे को यह टीका लगाया जा रहा है।
इसलिए जरूरी है यह टीका
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. आर.पी. मिर्धा ने बताया कि खसरा वायरस जनित जानलेवा रोग है। इसमें बुखार, खांसी, जुकाम, आंखें लाल होना आदि लक्षण दिखते हैं। बच्चों में खसरे के कारण विकलांगता और अनहोनी का खतरा रहता है। खसरे के चकते बुखार आने के दो दिन बाद दिखते हैं। इसमें डायरिया, निमोनिया, मस्तिष्क की सूजन जैसी जटिलताएं भी हो सकती हैं। कुपोषित बच्चों को भी यह टीका लगाना है। किसी भी प्रकार की गंभीर बीमारी, तेज बुखार और गर्भावस्था में यह टीका नहीं लगाया जाता है।
रूबेला रोग से जन्मजात रूबेला सिन्ड्रोम की संभावना
जिला प्रजनन एवं शिशु स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एम.एस. राठौड़ ने बताया कि गर्भवती महिलाओं में रूबेला रोग होने से जन्मजात रूबेला सिन्ड्रोम हो सकता है। जो गर्भ में पल रहे नवजात शिशुु के लिए गंभीर हो सकता है। रुबेला से गर्भवती माताओं के अबोर्शन, नवजात की मौत, नवजात को जन्मजात बीमारी का खतरा रहता है। डब्ल्यूएचओ की प्रतिनिधि डॉ. कीर्ति पटेल ने बताया कि यह टीका सुरक्षित है। भारत में 32 राज्यों के 30 करोड बच्चों को टीका लगाया जा चुका है। एएनएम टीसी के प्रिंसिपल के.सी. सैनी ने बताया कि नौ माह से 15 वर्ष तक के सभी बच्चों को टीके लगाए जा रहे हैं।
Published on:
22 Jul 2019 01:53 pm
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