
1998–2003 शिक्षाकर्मियों को पुरानी पेंशन का लाभ, लेकिन 23 साल की सेवा शून्य करने पर विरोध तेज...(photo-patrika)
पाली। राजकीय सेवाओं से सेवानिवृत्त कर्मचारियों के साथ पेंशनधारकों को हर साल नवबर में जीवित प्रमाण पत्र देना होता है। इसके लिए अब पेंशनधारकों को किसी कार्यालय में जाने की जरूरत नहीं है। कतार में भी नहीं लगाना होगा।
भारतीय डाक विभाग ने जीवित प्रमाण पत्र बनाने की पहल की है, जिसके तहत डाक कर्मचारी पेंशनधारक के घर जाकर उनका डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र तैयार करेंगे। यह सेवा खासकर उन वरिष्ठ नागरिकों और असहाय पेंशनधारकों के लिए राहत भरी है, जिन्हें उम्र या स्वास्थ्य कारणों से बैंक या सरकारी कार्यालयों तक जाने में परेशानी होती है।
डाक विभाग की यह घर-घर जीवित प्रमाण पत्र सेवा पूरी तरह डिजिटल है। इसके लिए पेंशनधारकों को डाकघर में सिर्फ 70 रुपए शुल्क देना होगा। डाक कर्मचारी बायोमेट्रिक तकनीक से प्रमाण पत्र तैयार करेंगे, जो तुरंत ऑनलाइन संबंधित पेंशन प्रदाता संस्था को भेज दिया जाएगा। इसके लिए पेंशनधारक को कोई अतिरिक्त दस्तावेज जमा नहीं करना होगा।
सेवानिवृत्त कर्मचारियों के लिए पोस्ट ऑफिस पाली की ओर से डिजिटल जीवित प्रमाण पत्र शिविर आयोजित किया जा रहा है। जिसमें सभी विभाग के सेवानिवृत्त कर्मचारी व वृद्धा पेंशन लाभार्थी जीवित प्रमाण पत्र जमा करा सकेंगे। शिविर के बाद भी कोई भी पेंशनर अपने नजदीकी पोस्ट ऑफिस जाकर प्रमाण पत्र बनवा सकता है। खास बात यह है कि पहली बार फेस ऑथेंटिकेशन तकनीक का उपयोग किया जाएगा। यह तकनीक उन बुजुर्ग पेंशनरों के लिए बेहतर होगी, जिन्हें फिंगरप्रिंट या बायोमेट्रिक स्कैन में परेशानी होती है।
Updated on:
15 Nov 2025 04:24 pm
Published on:
15 Nov 2025 04:21 pm
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