
गिरफ्तार हुआ साइको किलर (फोटो सोर्स-AI)
Bihar News: बिहार के अपराध जगत में साइको किलर के नाम से मशहूर कुख्यात क्रिमिनल अविनाश श्रीवास्तव एक बार फिर पटना पुलिस की गिरफ्त में है। पुलिस ने उसे चौक शिकारपुर नालापार इलाके से गैर-कानूनी हथियार और जिंदा कारतूस के साथ गिरफ्तार किया है। पुलिस के मुताबिक, वह पटना सिटी के एक बड़े बिजनेसमैन की हत्या की साजिश रच रहा था और मौके पर ही अपने गैंग के साथ केस की प्लानिंग कर रहा था।
अविनाश श्रीवास्तव कुछ ही दिन पहले भागलपुर जेल से जमानत पर बाहर निकला था। इससे पहले वह लंबे समय तक पटना के बेऊर जेल में बंद था। जेल के अंदर ही उसने पटना सिटी के एक बड़े कारोबारी की हत्या की प्लानिंग शुरू कर दी थी। चुनाव के दौरान सुरक्षा कारणों से उसे बेऊर जेल से भागलपुर शिफ्ट कर दिया गया था। दो दिन पहले ही रिहा होने के बाद वह सीधे पटना पहुंचा और चौक थाना क्षेत्र के शिकारपुर नालापार इलाके में अपने गुर्गों के साथ मीटिंग करने लगा। इसी बीच वरीय पुलिस अधिकारियों को इनपुट मिला कि कुख्यात अविनाश किसी बड़ी वारदात की तैयारी में है। इंटेलिजेंस इनपुट मिलते ही पुलिस अधिकारियों की एक विशेष टीम गठित की गई और संदिग्ध जगह पर छापेमारी की योजना बनी।
पुलिस टीम जैसे ही मौके पर पहुँची, अविनाश और उसके साथ मौजूद कुछ अपराधियों को भनक लग गई। अंधेरे और गली-कूचों का फायदा उठाकर उसके साथी भागने में कामयाब रहे, लेकिन पुलिस ने घेराबंदी कर अविनाश को खदेड़कर पकड़ लिया। छापेमारी के दौरान पुलिस ने देसी कट्टा और 5 जिंदा कारतूस बरामद किए। साथ ही कुछ मोबाइल फोन और अन्य संदिग्ध सामान भी जब्त किए गए हैं, जिनकी जांच जारी है। पुलिस का कहना है कि जब्त मोबाइलों के डेटा से गिरोह के नेटवर्क, सुपारी, पुराने संपर्कों और फंडिंग की जानकारी मिल सकती है।
पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक, अविनाश श्रीवास्तव पटना के कंकड़बाग थाना क्षेत्र स्थित एमआईजी कॉलोनी रोड नंबर-30 का मूल निवासी है। फिलहाल उसका पता सीढ़ी घाट, पटना सिटी बताया जाता है। कागज़ों पर यह कोई आम अपराधी नहीं, बल्कि दिल्ली की जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी से MCA (मास्टर ऑफ कंप्यूटर एप्लिकेशन) की डिग्री लेने वाला एक पढ़ा-लिखा शख्स है। डिग्री के बाद वह इन्फोसिस कंपनी में लगभग 40 हजार रुपये महीने की नौकरी करता था। परिवार की स्थिति संभल रही थी, करियर ट्रैक पर था, लेकिन साल 2002 में एक ऐसी घटना हुई जिसने उसकी पूरी ज़िंदगी की दिशा ही बदल दी।
साल 2002 में हाजीपुर में उसके पिता और तत्कालीन एमएलसी ललन श्रीवास्तव की गोली मारकर हत्या कर दी गई। इस वारदात ने अविनाश को भीतर तक तोड़ दिया। पुलिस के मुताबिक, पिता की हत्या का बदला लेने की कसम खाकर उसने हथियार उठा लिए और यहीं से उसके साइको किलर’ बनने की कहानी शुरू हुई।
पुलिस फाइलों के मुताबिक, साल 2003 में अविनाश ने अपने पिता के हत्यारोपी मोइन खां उर्फ पप्पू खां को हाजीपुर में दिनदहाड़े गोलियों से भून दिया। बताया जाता है कि उसने मोइन पर 32 गोलियां दागीं। घटना के बाद अविनाश करीब तीन घंटे तक लाश के पास बैठा रहा, जबकि इलाके में दहशत का माहौल था और कोई भी शव के पास जाने की हिम्मत नहीं कर रहा था।
पुलिस के अनुसार, मोइन की हत्या के बाद अविनाश ने यहीं पर रुकना नहीं चुना। उसने अपने पिता की हत्या में शामिल अन्य लोगों को भी एक-एक कर निशाना बनाया। बताया जाता है कि 6 के करीब आरोपितों को उसने अलग-अलग जगहों पर मार गिराया। इसी दौरान उसने हाजीपुर, पटना, वैशाली और आसपास के इलाकों को अपना गिरोह क्षेत्र बना लिया। लूट, रंगदारी, सुपारी किलिंग जैसे अपराध उसके गैंग के पोर्टफोलियो में शामिल हो गए।
पुलिस का कहना है कि अविनाश का नाम कई हाई-प्रोफाइल हत्याकांडों में सामने आ चुका है। बताया जाता है कि उसने पटना की तत्कालीन डिप्टी मेयर अमरावती देवी के पति दीना गोप को AK-47 से भून दिया था। इसके अलावा वह कई अन्य हत्याओं में भी आरोपित है। पुलिस स्रोतों के मुताबिक, बिहार में 20 से अधिक हत्याओं में उसका नाम जुड़ा है।
साल 2016 में हाजीपुर के महुआ थाना क्षेत्र स्थित हरपुर बेलवा के सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया में चोरी की कोशिश करते हुए अविनाश पकड़ा गया। वह गैस कटर की मदद से बैंक की जाली और ताले काटने की कोशिश कर रहा था। पुलिस की गश्ती टीम ने रात में उसे रंगे हाथ पकड़ लिया। पूछताछ के दौरान जब पुलिस ने उससे उसका परिचय, बैकग्राउंड और आपराधिक इतिहास पूछा तो उसने बेहद ठंडे और आत्मविश्वासी लहजे में कहा, “गूगल में सर्च करिए, सब मिल जाएगा।” पुलिस ने जब इंटरनेट पर उसकी क्राइम हिस्ट्री देखी तो कई अधिकारी दंग रह गए।
जब उसकी लगातार हत्याओं के बाद पुलिस की घेराबंदी तेज हुई, तो उसकी मां उसे लेकर सिलीगुड़ी चली गई। लेकिन वहां से भी वह पूरी तरह शांत नहीं बैठा। पुलिस रिकॉर्ड बताते हैं कि बीच-बीच में वह बिहार लौटकर हत्या, लूट और चोरी जैसी वारदातों को अंजाम देता रहा। कई मामलों में यह भी आरोप लगे कि उसकी मां संपर्क साधने, क्लाइंट से डील करने और ‘सुपारी’ तय करने में मदद करती थी, हालांकि इस पर अलग-अलग केस में अलग-अलग स्तर पर जांच चलती रही। इससे पहले अविनाश को 26 सितंबर 2020 को रक्सौल से भी गिरफ्तार किया गया था। उस वक्त वह नेपाल भागने की फिराक में था। उसके पास से अवैध हथियार और संदिग्ध सामान बरामद हुआ था।
Published on:
01 Dec 2025 03:32 pm
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