
फोटो- एक्स हैंडल
Bastar Dussehra: छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र में आयोजित होने वाले विश्व प्रसिद्ध बस्तर दशहरा महोत्सव को राष्ट्रीय स्तर पर नई ऊंचाइयों पर ले जाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बढ़ा है। नई दिल्ली में बस्तर दशहरा समिति के प्रतिनिधिमंडल ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से भेंट कर उन्हें महोत्सव के प्रमुख आयोजनों में से एक मुरिया दरबार में शामिल होने का औपचारिक निमंत्रण दिया। यह निमंत्रण बस्तर के सांसद एवं दशहरा समिति के अध्यक्ष महेश कश्यप के नेतृत्व में दिया गया, जिसमें मांझी-चालकी एवं अन्य मेबरान भी शामिल थे।
बस्तर दशहरा समिति के प्रतिनिधिमंडल ने मुलाकात के दौरान केंद्रीय गृहमंत्री को मां दंतेश्वरी की पवित्र तस्वीर भेंट की, जो बस्तर की सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक है। अमित शाह ने इस निमंत्रण को स्वीकार करते हुए बस्तर दशहरा की समृद्ध परंपराओं की सराहना की।
उन्होंने अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर पोस्ट साझा करते हुए कहा कि बस्तर, जो अब नक्सलवाद की गिरत से मुक्त होकर शांति का मार्ग अपना चुका है, अपने त्योहारों को नई ऊर्जा और उत्साह के साथ मना रहा है। मुझे 75 दिनों तक चलने वाले मुरिया दरबार में भाग लेने का निमंत्रण मिला। इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए उत्सुक हूं।
बस्तर दशहरा, जो 75 दिनों तक चलने वाला भारत का सबसे लंबा और आदिवासी संस्कृति से ओतप्रोत महोत्सव है, इस वर्ष 2 अक्टूबर को चरम पर पहुंचेगा। मुरिया दरबार, जो 4 अक्टूबर को जगदलपुर के सिरहासार भवन में आयोजित होगा, आदिवासी समुदायों का पारंपरिक सभा है जहां ग्रामीण अपनी समस्याएं और सुझाव सीधे अधिकारियों के समक्ष रखते हैं।
अमित शाह यहां आदिवासी प्रतिनिधियों से संवाद करेंगे और मिशन 2026 के तहत नक्सलवाद उन्मूलन अभियान की प्रगति की समीक्षा करेंगे। इसके अलावा, स्वदेशी मेला में स्थानीय हस्तशिल्प, आदिवासी उत्पादों और सांस्कृतिक प्रदर्शनियों का आयोजन होगा, जिसमें गृहमंत्री की उपस्थिति से राष्ट्रीय ध्यान आकर्षित होने की उम्मीद है।
बस्तर दशहरा समिति ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी निमंत्रण दिया है, जो इस महोत्सव को राष्ट्रीय पटल पर और मजबूत करने का संकेत है। बस्तर के निवासियों में अमित शाह की इस यात्रा को लेकर उत्साह व्याप्त है। बस्तर सांसद ने कहा कि यह हमारी संस्कृति के लिए ऐतिहासिक क्षण है। गृहमंत्री का आगमन विकास और शांति के संदेश को मजबूत करेगा। यहां दशहरा पर रावण दहन के बजाय मां दंतेश्वरी की पूजा होती है।
Published on:
21 Sept 2025 04:40 pm
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