
Chhattisgarh Diamond Belt (Photo source- Patrika)
Chhattisgarh Diamond Belt: छत्तीसगढ़ प्राकृतिक खनिज संपदा से समृद्ध प्रदेश है, जहां लौह अयस्क, कोयला, बॉक्साइट और चूना पत्थर के साथ-साथ हीरे के भंडार भी पाए जाते हैं। प्रदेश के उत्तरी हिस्से- सरगुजा, कोरिया, बलरामपुर और जशपुर जिलों में फैला पन्ना हीरा बेल्ट भारत के केंद्रीय हीरा क्षेत्र का हिस्सा है। यह बेल्ट न केवल आर्थिक दृष्टि से मूल्यवान है बल्कि औद्योगिक, रणनीतिक और स्थानीय विकास की दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है।
छत्तीसगढ़ की पहचान खनिज, धातु और हीरे जैसी प्राकृतिक संपदाओं से है। अगर सबसे महंगी वस्तु की बात करें तो यह मुख्य रूप से हीरा (Diamond) है। चलिए जानते हैं कि आखिर इसे क्यों कहा जाता है छत्तीसगढ़ का पन्ना हीरा बेल्ट? दरअसल छत्तीसगढ़ का पन्ना हीरा बेल्ट (Panna Diamond Belt) मध्यप्रदेश से जुड़ता है और सरगुजा, रायगढ़, बलरामपुर और कोरिया जिलों में हीरे की संभावनाएँ पाई जाती हैं। इसके अलावा, कोरबा और बस्तर क्षेत्र में भी हीरे के भंडार की खोज की गई है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में हीरे की कीमत लाखों से लेकर करोड़ों रुपये प्रति कैरेट तक होती है। इसलिए, प्राकृतिक संपदा की दृष्टि से छत्तीसगढ़ का सबसे महंगा खनिज/वस्तु हीरा है।
दरअसल, "पन्ना हीरा बेल्ट" (Panna Diamond Belt) भारत का सबसे प्रसिद्ध हीरा क्षेत्र है, जो मध्यप्रदेश के पन्ना जिले में स्थित है। लेकिन इसका विस्तार छत्तीसगढ़ की उत्तरी सीमा तक फैला हुआ है।
यह बेल्ट सरगुजा, कोरिया, बलरामपुर और जशपुर जिलों तक फैली हुई है। इन इलाकों में किम्बरलाइट पाइप्स (Kimberlite Pipes) पाए जाते हैं, जिनमें हीरे बनने की सबसे अधिक संभावना होती है।
छत्तीसगढ़ सरकार और जीएसआई (Geological Survey of India) द्वारा यहाँ कई बार खनन और सर्वे कार्य किए गए हैं।
यह बेल्ट दुनिया के चुनिंदा प्राकृतिक हीरा उत्पादक क्षेत्रों में से एक है।
हीरे के अलावा यहाँ कीमती रत्न भी पाए जाते हैं।
अगर बड़े पैमाने पर खनन होता है, तो यह क्षेत्र छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था में भारी योगदान दे सकता है।
छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश की इस बेल्ट को मिलाकर ही "पन्ना हीरा बेल्ट" कहा जाता है।
इसे Central Indian Diamond Province भी कहा जाता है।
यानी, पन्ना बेल्ट का मुख्य क्षेत्र मध्यप्रदेश में है, लेकिन इसका भौगोलिक विस्तार छत्तीसगढ़ के उत्तरी जिलों तक जाता है।
छत्तीसगढ़ के हिस्से में आने वाला पन्ना हीरा बेल्ट (Panna Diamond Belt) प्राकृतिक संसाधनों की दृष्टि से बहुत ही महत्वपूर्ण है। इसकी उपयोगिता (Importance/Utility) को अलग-अलग बिंदुओं में समझा जा सकता है-
हीरा विश्व की सबसे महंगी और मूल्यवान खनिज संपदाओं में गिना जाता है।
अगर इस बेल्ट का व्यवस्थित खनन हो, तो छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था और राजस्व में बड़ी वृद्धि हो सकती है।
इससे राज्य सरकार को रॉयल्टी और टैक्स के रूप में आय होगी।
हीरे का उपयोग केवल आभूषणों में ही नहीं होता, बल्कि कटिंग, ड्रिलिंग, पॉलिशिंग और मशीनरी उद्योगों में भी होता है।
उच्च गुणवत्ता वाले हीरे का इस्तेमाल इलेक्ट्रॉनिक्स और वैज्ञानिक उपकरणों में भी किया जाता है।
खनन गतिविधियाँ बढ़ने से स्थानीय युवाओं को रोजगार मिलेगा।
हीरे की प्रोसेसिंग, ज्वेलरी निर्माण और उससे जुड़े उद्योगों का विकास होगा।
छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश को मिलाकर बना यह Central Indian Diamond Province भारत का प्रमुख हीरा क्षेत्र है।
भविष्य में यह क्षेत्र भारत को वैश्विक हीरा उत्पादन में और मजबूत स्थान दिला सकता है।
खनन और उससे जुड़ी कंपनियों के आने से सड़क, बिजली, पानी, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी सुविधाएँ स्थानीय क्षेत्रों में बेहतर होंगी।
Published on:
19 Aug 2025 06:48 pm
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