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एमपी में उठी सियासी लहर, इस नेता को मुख्यमंत्री बनाने की मांग तेज

MP Politics: मध्य प्रदेश की राजनीति में उठी सियासी लहर, 2028 चुनाव की तैयारियों के बीच गूंजा इस नेता का नाम, मुख्यमंत्री पद का हो दावेदार, जानें क्या है मामला? क्यों चर्चा में है एमपी की सियासत...

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MP CM New Face election 2028

MP CM New Face election 2028(फोटो: सोशल मीडिया)

MP Politics: मध्य प्रदेश की राजनीति में कल से एक नया सियासी शोर सुनाई दे रहा है। ये शोर है, हमारा मुख्यमंत्री कैसा हो, उमंग सिंघार जैसा हो। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने नेता प्रतिपक्ष Umang Singhar को मुख्यमंत्री बनाए जाने की मांग तेज कर दी है। बता दें कि नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार अनूपपुर के दौरे पर थे। वहां पार्टी कार्यकर्ताओं ने उनके सामने ही ये नारे लगाए, 'MP का अगला मुख्यमंत्री उमंग सिंघार हो!'

जानें क्यों चर्चा में आ गए नेता प्रतिपक्ष Umang Singhar?

दरअसल Umang Singhar आदिवासी समुदाय से आते हैं और कांग्रेस में लंबे समय से वे एक प्रभावी चेहरा माने जाते रहे हैं। इससे इतर मध्य प्रदेश की राजनीति में आदिवासी वोट बैंक का बड़ा महत्व है। प्रदेश की लगभग 47 सीटें ऐसी हैं, जो सीधे तौर पर आदिवासी इलाकों से जुड़ी हैं। ऐसे में कांग्रेस कार्यकर्ताओं का मानना है कि अगर पार्टी 2028 के विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करना चाहती है तो, उसे आदिवासी नेतृत्व पर भरोसा जताना होगा।

Umang Singhar ने कार्यकर्ताओं को दिया जवाब?

हालांकि खुद Umang Singhar ने कार्यकर्ताओं की इस मांग को 'भावनाओं का सम्मान' बताते हुए कहा कि, '2028 अभी बहुत दूर है। मुख्यमंत्री कौन बनेगा इसका फैसला कांग्रेस हाईकमान करेगा।' उमंग सिंघार के इस बयान से यह तो साफ है कि वे खुद सीधे तौर पर मुख्यमंत्री पद की दावेदारी पेश करने के मूड में नहीं हैं, लेकिन कांग्रेस कार्यकर्ताओं की बुलंद आवाज ने राजनीतिक गलियारों में हलचल जरूर मचा दी है।

और क्या बोले उमंग सिंघार

नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने बताया कि जब वे मां नर्मदा की पूजा-अर्चना कर रहे थे, तब भी कार्यकर्ता यही नारे लगा रहे थे। मंदिर में उनसे पुजारी ने उनके मन की बात जाननी चाही, तब भी उन्होंने स्पष्ट किया कि 'जब तक उनका जीवन रहेगा, वे जनसेवा करेंगे। उन्होंने कहा कि वे कभी नहीं बोले कि उन्हें मुख्यमंत्री बनना है। ये तो पार्टी की बात है, आगे क्या होता है।'

कांग्रेस में क्यों उठ रही आदिवासी मुख्यमंत्री की मांग?

राजनीतिक एक्सपर्ट्स की मानें, तो कांग्रेस में लंबे समय से यह बहस सुनाई देती रही है कि मध्य प्रदेश को एक आदिवासी मुख्यमंत्री मिलना चाहिए। प्रदेश में करीब 1.5 करोड़ आदिवासी वोटर हैं। इतनी बड़ी आबादी सीधे तौर पर चुनावी नतीजों को प्रभावित करने की ताकत रखती है। बता दें कि 2023 विधानसभा चुनाव से पहले भी नेता प्रतिपक्ष Umang Singhar ने कहा था कि 'प्रदेश को अब आदिवासी मुख्यमंत्री मिलना चाहिए।'

बीजेपी पर तंज किया, गरमाई राजनीति

नेता प्रतिपक्ष Umang Singhar ने अपने अनूपपुर दौरे में यह भी दावा किया कि 'कई भाजपा नेता कांग्रेस के संपर्क में हैं।' इस बयान ने राजनीतिक हलचल को और तेज कर दिया है। कार्यकर्ताओं के बीच बढ़ती लोकप्रियता के साथ-साथ भाजपा से कांग्रेस में खींचतान का यह दावा, सिंघार को सुर्खियों में ले आया है। उन्होंने भाजपा पर तंज करते हुए एक सवाल के जवाब में यह भी कहा कि 'कांग्रेस सत्ता में आई तो नेताओं को खरीदने की जरूरत नहीं पड़ेगी।'

क्यों ट्रेंड कर रहा है यह मामला?

1- आदिवासी वोट बैंक (Tribal Vote Bank) पर फोकस- कांग्रेस और भाजपा दोनों ही आदिवासी इलाकों को जीत की कुंजी मानते हैं।

2- कांग्रेस की अंदरूनी राजनीति (Congress Internal Politics)- प्रदेश में कई बड़े चेहरे हैं, लेकिन पार्टी कार्यकर्ताओं का यह रुझान नेतृत्व संघर्ष को नया मोड़ दे सकता है।

3- 2028 की तैयारी (2028 Election) - चुनाव अभी दूर हैं, लेकिन पार्टी पहले से ही रणनीति बनाने की कोशिश कर रही है।

फिलहाल क्या है स्थिति?

अभी मध्य प्रदेशमें भाजपा की सरकार है और Mohan Yadav मुख्यमंत्री हैं। कांग्रेस विपक्ष में है। Umang Singhar का मुख्यमंत्री बनना तभी संभव है जब कांग्रेस सत्ता में लौटे और हाईकमान उन पर भरोसा जताए। तो अगली बार 2028 चुनाव (2028 Election) में बाजी कौन मारेगा, 4 साल का लंबा इंतजार बाकी है ये देखने के लिए कि 'ऊंट किस करवट बैठता है?'

4 साल का लंबा इंतजार

Umang Singhar को लेकर उठ रही यह मांग केवल कार्यकर्ताओं का उत्साह नहीं, बल्कि कांग्रेस के भीतर उस सियासी खींचतान का हिस्सा भी है, जिसमें आदिवासी नेतृत्व को आगे लाने की कोशिश की जा रही है। आने वाले समय में यह मुद्दा पार्टी की रणनीति और मुख्यमंत्री चेहरे की राजनीति में निर्णायक भूमिका निभा सकता है।