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Pediatric blood Cancer Risk : एक्स-रे और सीटी स्कैन से बच्चों को कैंसर का खतरा? जानिए क्या रेडिएशन से हो सकता है Blood Cancer

Pediatric Blood Cancer Risk : नई रिसर्च के मुताबिक बच्चों में 10% ब्लड कैंसर का कारण मेडिकल इमेजिंग रेडिएशन हो सकता है। जानें CT स्कैन और X-ray से जुड़ा खतरा।

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भारत

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Manoj Vashisth

Sep 20, 2025

Pediatric blood Cancer Risk

Pediatric blood Cancer Risk (फोटो सोर्स: AI image@Gemini)

Study Links Radiation to Pediatric Blood Cancer : क्या आपने कभी सोचा है कि जब आपके बच्चे का एक्स-रे, सीटी स्कैन या कोई और मेडिकल इमेजिंग टेस्ट होता है, तो क्या वो सिर्फ बीमारियों का पता ही लगा रहा है या कुछ और भी कर रहा है? हाल ही में हुए एक बड़े शोध ने इस सवाल का एक हैरान करने वाला जवाब दिया है। यह रिसर्च बताती है कि बच्चों को होने वाले ब्लड कैंसर (Blood Cancer) में से 10% का कारण मेडिकल इमेजिंग से निकलने वाली रेडिएशन हो सकती है।

यह खबर चिंताजनक जरूर है, लेकिन घबराने की जरूरत नहीं है। यह रिसर्च बताती है कि मेडिकल इमेजिंग से निकलने वाली आयनीकृत रेडिएशन (ionizing radiation) बच्चों में कैंसर का खतरा बढ़ा सकती है। यह बात हम सब जानते हैं कि कैंसर एक बेहद गंभीर बीमारी है और बच्चों में तो यह और भी तेजी से फैलती है, खासकर ब्लड और बोन मैरो से जुड़े कैंसर, जैसे ल्यूकेमिया और लिम्फोमा।

रिसर्च क्या कहती है? (Pediatric blood Cancer Risk)

कैलिफोर्निया और कनाडा के 40 लाख बच्चों पर की गई यह स्टडी, द न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में छपी है। इसमें शोधकर्ताओं ने पाया कि जिन बच्चों को ज्यादा रेडिएशन मिली, उनमें कैंसर का खतरा भी उसी अनुपात में बढ़ गया।

CT स्कैन का सबसे ज्यादा खतरा

इस रिसर्च में पाया गया कि CT स्कैन सबसे ज्यादा रेडिएशन छोड़ता है। जिन बच्चों का सिर का CT स्कैन एक या दो बार हुआ, उनमें ब्लड कैंसर (Blood Cancer) का खतरा 1.8 गुना बढ़ गया। और अगर ये स्कैन ज़्यादा बार हुए, तो खतरा 3.5 गुना तक बढ़ गया।

एक्स-रे से कम खतरा

च्छी बात यह है कि एक्स-रे जैसी इमेजिंग में रेडिएशन की मात्रा बहुत कम होती है, इसलिए इनसे कैंसर का खतरा भी बहुत कम होता है।

परेशानी की वजह क्या है?

बच्चों में बड़ों के मुकाबले रेडिएशन का असर ज्यादा होता है। उनके शरीर में कोशिकाएं तेजी से बढ़ती हैं और रेडिएशन के प्रति ज्यादा संवेदनशील होती हैं। इसके अलावा, उनकी उम्र लंबी होती है, तो उनके पास कैंसर के विकास के लिए ज्यादा समय होता है। इसी वजह से बच्चों के लिए रेडिएशन का जोखिम बड़ों की तुलना में कहीं अधिक है।

तो क्या मेडिकल इमेजिंग कराना बंद कर दें?

बिल्कुल नहीं, यह समझना बेहद जरूरी है कि मेडिकल इमेजिंग जान बचाने वाला एक अहम टूल है। CT स्कैन और एक्स-रे जैसी तकनीक कई गंभीर बीमारियों, जैसे ब्रेन ट्यूमर, अंदरूनी चोट और दिल की बीमारियों का समय रहते पता लगाने में मदद करती हैं। इस शोध का मतलब यह नहीं है कि आपको इन जांचों से बचना चाहिए। इसका मुख्य उद्देश्य डॉक्टरों और माता-पिता को जागरूक करना है, ताकि वे बिना जरूरत के बार-बार स्कैन न कराएं।

क्या है समाधान?

शोधकर्ताओं का मानना है कि 10% ब्लड कैंसर के मामलों को रोका जा सकता है अगर हम कुछ बातों का ध्यान रखें:

जरूरी होने पर ही कराएं स्कैन: अगर डॉक्टर को लगता है कि जांच के बिना मरीज का सही इलाज संभव नहीं है, तभी इमेजिंग टेस्ट कराएं।

कम रेडिएशन का इस्तेमाल: CT स्कैन करते समय डॉक्टर को यह ध्यान रखना चाहिए कि बच्चे के लिए कम से कम रेडिएशन वाली तकनीक का उपयोग किया जाए।

विकल्पों का चुनाव: कई बार अल्ट्रासाउंड या MRI जैसी तकनीकों से भी जरूरी जानकारी मिल जाती है, जिनमें रेडिएशन नहीं होती। ऐसे में इन विकल्पों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।

यह शोध हमें एक महत्वपूर्ण सबक सिखाता है कि विज्ञान और टेक्नोलॉजी जहाँ हमें फायदा पहुंचाती हैं, वहीं हमें उनके जोखिमों के प्रति भी सचेत रहना चाहिए। इसलिए, अगली बार जब भी आपके बच्चे का कोई इमेजिंग टेस्ट हो, तो अपने डॉक्टर से इसके फायदे और नुकसान के बारे में ज़रूर बात करें।