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Student suicide: 10 वर्षों में छात्र आत्महत्या में 65% वृद्धि, महाराष्ट्र पहले तो दूसरे नंबर पर रहा मध्य प्रदेश, कोटा में कम हुए केस

Student suicides in India: भारत में छात्रों की आत्महत्या के मामलों में बढ़ोतरी दर्ज गई। वर्ष 2023 में देश में आत्महत्या से होने वाली कुल मौतों में से 8.1% छात्रों का था। देश में इस साल 1,71,418 लोगों ने आत्महत्या की। पढ़िए विशेष रिपोर्ट...

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Suicide Death in India

भारत में आत्महत्या के मामले बढ़ रहे हैं (Photo: Patrika)

Student Suicide In India: राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के आंकड़ों से पता चलता है कि देश में छात्रों की आत्महत्या की संख्या 2019 की तुलना में 2023 में 34 प्रतिशत बढ़ गई।

वर्ष 2023 में भारत में दुर्घटना में मरने वाले हर 100 लोगों में से 38.6 लोग आत्महत्या से मारे गए। हालांकि 2022 के बाद लगातार दूसरे साल यह संख्या कम हुई है। अगर 2020 में कोविड-19 महामारी की शुरुआत के बाद की अवधि को छोड़ दिया जाए तो यह पिछले 14 वर्षों में सबसे ज़्यादा है।

आत्महत्या के मामले में शीर्ष पर केरल

Suicide rates highest in Kerala: एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार, देश में वर्ष 2023 में 1,71,418 लोगों ने आत्महत्या की। भारत में 2023 में आत्महत्या की दर प्रति 100,000 जनसंख्या पर 12.3 थी। वर्ष 1966 के बाद से लेकर 2022 तक में आत्महत्या की दर वर्ष 2022 में 12.4 थी और यह सबसे ज्यादा थी। भारत के विभिन्न राज्यों में आत्महत्या की दर में भारी अंतर देखा गया। केरल में आत्महत्या की दर सबसे ज़्यादा प्रति लाख पर 30.6 थी।

एक दशक में छात्र आत्महत्या में 65 फीसदी की वृद्धि

Students Suicide Rise: पिछले एक दशक में छात्र आत्महत्याओं की संख्या में लगभग 65% की वृद्धि हुई है। वर्ष 2013 में आत्महत्या से 8,423 मौत हुई थी, जो 2023 में बढ़कर 13,892 हो गई। यह वृद्धि पिछले एक दशक में आत्महत्या से होने वाली कुल मौतों की संख्या में हुई वृद्धि से भी अधिक है। देश में छात्र आत्महत्या के मामले में महाराष्ट्र में 14.7 फीसदी के साथ सबसे आगे रहा जबकि 10.5 प्रतिशत के साथ मध्य प्रदेश दूसरे नंबर पर।

छात्रों में बढ़ रही आत्महत्या की प्रवृत्ति की वजहों में परीक्षा में असफलता, पारिवारिक समस्याएं और बीमारी प्रमुख बताया गया है।

कोटा में आत्महत्या के मामले हुए कम

एक रिपोर्ट के अनुसार, 2024 में राजस्थान के कोटा में कोचिंग छात्रों की आत्महत्या के 17 मामले सामने आएं, जबकि 2023 में ऐसे 26 मामले दर्ज किए गए थे। वर्ष 2025 में 4 मई तक 14 छात्रों ने कोटा में आत्महत्या की।

आत्महत्या में वेतनभोगी पहले, गृहणियां दूसरे नंबर पर

पेशे के आधार पर देखें तो 2023 में आत्महत्या से होने वाली कुल मौतों में दैनिक वेतन भोगियों की हिस्सेदारी 27.5% थी जबकि गृहिणियों की हिस्सेदारी 14% और स्व-रोज़गार करने वालों की 11.8% थी।

Farmers Sucides: महाराष्ट्र और कर्नाटक सबसे ऊपर

एनसीआरबी की 2023 की रिपोर्ट के अनुसार, देशभर में 10,700 से ज्यादा किसानों ने आत्महत्या की। किसान आत्महत्या के मामले में महाराष्ट्र और कर्नाटक सबसे अधिक किसानों ने आत्महत्या की। पूरे देश में आत्महत्या से कुल मौतों में से 6.1 फीसदी सुसाइड किसानों ने किया।

वर्ष 2021, 2022 और 2023 में 10 हजार से ज्यादा किसानों ने अपनी जान से हाथ धो डाला। वहीं पश्चिम बंगाल, बिहार और ओडिशा समेत उत्तरी भारत के कई राज्यों में एक भी किसान के आत्महत्या करने का मामला दर्ज नहीं किया गया।