
तिरंगे के अक्षरों में सजा 36गढ़ का सपना (फोटो सोर्स- पत्रिका)
Silver Jubilee 2025: छत्तीसगढ़ अपने 25 वर्षों के सुनहरे सफर के जश्न की तैयारी में है। इतने कम समय में विकास के नए अध्याय लिखना किसी भी राज्य के लिए गर्व की बात है। अब हम उस मुकाम पर हैं, जहां से भविष्य की ओर लंबी छलांग लगाने का समय आ गया है। राजधानी रायपुर इस परिवर्तन यात्रा का केंद्र बनेगी, जहां देश-विदेश से आने वालों के लिए अत्याधुनिक सुविधाएं तैयार होंगी।
वर्ष 2047 के लिए रोडमैप तैयार हो चुका है। भाजपा की विष्णु देव सरकार ने वन-क्लिक सिंगल विंडो सिस्टम 2.0 लॉन्च किया, जिससे औद्योगिक अनुमोदन आसान हो गए। इस पहल ने निवेश प्रस्तावों को 1.23 लाख करोड़ तक पहुंचाया, जिससे लगभग 20,000 नौकरियां सृजित होने की उम्मीद है। राज्य लॉजिस्टिक पॉलिसी, एआई डेटा सेंटर पार्क जैसी योजनाएं निसंदेह हमें देश के मानचित्र पर बेहतर तरीके से उभारेंगी।
उम्मीद है कि 2026 में हमारे राज्य से नक्सलवाद का कलंक भी मिट जाएगा। आजादी के पर्व के अवसर पर हम उस सपने को पूरा करने का संकल्प लें जो पिछले कई वर्षों से अधूरा है। अभी तक प्रदेश और राजधानी रायपुर ने जो सोपान गढ़े हैं उसे स्वतंत्रता दिवस पर तिरंगा की एक स्पेलिंग से समझें।
T तरक्की की राह: हमारे प्रदेश की राजधानी रायपुर विकास के पथ पर दौड़ रही है। नवा रायपुर बन कर तैयार है। इंफ्रास्ट्रक्चर ऐसा कि ट्रिपल आईटी, आईआईएम जैसे बड़े संस्थान यहां आ गए हैं। मल्टीनेशन कंपनियां आकर्षित होने लगी हैं। आजादी के इतने सालों में जहां छत्तीसगढ़ राज्य का सबसे बड़ा आदिवासी अंचल बस्तर रेलसेवा से जुडा है। वहीं प्रमुख शहरों रायपुर, बिलासपुर, अंबिकापुर और जगदलपुर के बीच हवाई जहाज उड़ान भरने लगे हैं।
रायपुर का चौतरफ ऐसा विकास कि तीन किमी के दायरे से निकलकर अब ग्रेटर रायपुर की तरफ तेजी से बढ़ा है। नेशनल हाइवे की सडक़ें फोर और सिक्सलेन हुई हैं। भारतमाला सडक़ परियोजना पूर्व से पश्चिम के बड़े शहरों को जोडऩे को तैयार हो रही हैं। दो दर्जन से ज्यादा लाईओवर से ट्रैफिक दौड़ता है।
I इंडस्ट्री ग्रोथ: रायपुर क्षेत्र में भारी औद्योगिक विस्तार की योजनाएं चल रही हैं। स्पंज आयरन प्लांट, इस्पात संयंत्र, और ला फैक्ट्री जैसे बड़े प्रोजेक्ट प्रस्तावित हैं। साथ ही, नवा रायपुर में 1,143 करोड़ में सेमीकंडक्टर यूनिट भी शुरू होनी है, जो चिप्स निर्माण को बढ़ावा देगी। निवेश प्रोत्साहन, सब्सिडी और सिंगल सुविधा ने उद्योगों को राज्य में आकर्षित किया है।
R रोजगार की उड़ान: औद्योगिक विकास और नवाचार केंद्रों के विस्तार से रायपुर में रोजगार के अवसर भी बढ़ रहे हैं। नगर निगम ने आरंभ और इन्नो 8 जैसे स्टार्टअप हब शुरू किए, जिनमें हजारों युवाओं को कौशल प्रशिक्षण देने और रोजगार मिलने की संभावना है। अन्य पढ़ाई-संबंधी प्रोत्साहनों के साथ यह कार्यक्षेत्र युवाओं को स्वरोजगार के नए आयाम दे रहा है।
A आर्थिक समृद्धि: छत्तीसगढ़ में निवेशों का जोर आर्थिक समृद्धि की ओर इशारा करता है। 2025 में राज्य को लगभग 1.64 लाख करोड़ के नए निवेश प्राप्त हुए, जिससे राजस्व और विकास में बढ़ोतरी हुई है। नवीन औद्योगिक नीति और विशेष आर्थिक क्षेत्र बड़ी भूमिका निभा रहे हैं—जिससे व्यापार, निर्यात, और आर्थिक आत्मनिर्भरता को गति मिली है।
N नवाचार: नया नवाचार केंद्र (सीएफसी) नवा रायपुर में शुरू किया गया है, जिसमें पीसीबी प्रोटोटाइपिंग, 3डी प्रिंटिंग, और टेस्टिंग लैब जैसी सुविधों शामिल हैं। यह केंद्र इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माण और स्टार्टअप को बूस्ट करेगा और तकनीकी नवाचार का हब बनेगा, जिससे युवाओं को भी प्रेरणा मिलेगी।
G ग्रीन रायपुर: रायपुर में ग्रीन विकास को भी अच्छी गति मिली है। च्एक पेड़ मां के नामज् मुहिम के तहत 10000 पेड़ लगाए गए हैं, जिससे वातावरण संरक्षण में भूमिका निभाई जा रही है। साथ ही, तकनीकी और पर्यावरण संबंधी परियोजनाएं जैसे अर्बन गार्डन और स्मार्ट पार्कों की योजना शहर को हरित ऊर्जा और संरक्षण के पथ पर ला रही है।
A आत्मनिर्भरता: शैक्षणिक एवं सामाजिक विकास में दिए गए दान पहले राज्य की आत्मनिर्भरता को मजबूत करते हैं। आईआईएम और एनआईटी रायपुर को 172 करोड़ का दान मिला है, जो शोध, शिक्षा और उद्यमिता को बढ़ावा देगा। साथ ही स्थानीय कारीगरी, विद्यापीठ और बाजारों की प्रगति ने आर्थिक आत्मनिर्भरता को समर्थन दिया है।
T… तरक्की की राह
I… इंडस्ट्री ग्रोथ
R… रोजगार की उड़ान
A… आर्थिक समृद्धि
N… नवाचार
G… ग्रीन रायपुर
A… आत्मनिर्भरता
Updated on:
15 Aug 2025 10:31 am
Published on:
15 Aug 2025 09:32 am
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