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“प्राकृति चमत्कार”! गर्मी हो या सर्दी.. छत्तीसगढ़ का यह आम पेड़ साल में तीन बार देता है फल

Unique News: गांव के बगीचे में खड़ा यह अनोखा पेड़ न सिर्फ पैदावार में अद्भुत है, बल्कि स्थानीय मिट्टी और जलवायु के अनोखे मिश्रण से यह सालभर फल देने में सक्षम है। किसान इसे देखकर अपनी आम की खेती में नई तकनीक अपनाने के बारे में सोच रहे हैं।

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प्राकृतिक का चमत्कार! (फोटो सोर्स- पत्रिका)

प्राकृतिक का चमत्कार! (फोटो सोर्स- पत्रिका)

Unique News: आम को फलों का राजा यूं ही नहीं कहा जाता। इसकी मिठास, खुशबू और रसदार स्वाद हर किसी के मन को मोह लेता है। आमतौर पर यह गर्मियों का फल माना जाता है, लेकिन छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले के बिरकोनी गांव में एक ऐसा अनोखा पेड़ है, जो इस धारणा को गलत साबित कर रहा है।

बिरकोनी के एक ग्रामीण के बगीचे में लगा यह आम का पेड़ साल में एक नहीं बल्कि तीन बार फल देता है। गर्मी, बरसात और सर्दी हर मौसम में इसके फलों का स्वाद लिया जा सकता है। इस वजह से गांव के लोग पूरे साल ताजे आम का आनंद उठाते हैं।

गांव के लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र

गांव और आसपास के इलाके के लोग अक्सर इस बगीचे को देखने आते हैं। लोगों का कहना है कि इस पेड़ की पैदावार हर बार अच्छी होती है और आम का स्वाद गजब का होता है। यहां तक कि बरसात और सर्दी में भी पेड़ पर आम देखना अपने आप में अनोखा अनुभव है।

किसान ने कही ये बात

किसान दामोदर चंद्राकर ने बगीचे में यह आम का पेड़ है। जो साल में तीन बार आम का फल आता है। साल भर में तीन बार पेड़ पर बौर भी देखने को मिलते हैं। आम को कच्चे में तोड़ने पर यह आम आचार बनाने के काम भी आ जाता है और पक जाने के बाद यह आम मीठा है। इस आम के पेड़ को देखकर गांव के अन्य किसानों में भी इस आम को लेकर जिज्ञासा बढ़ गई है।

दामोदर चंद्राकर ने बताया कि यह आम का पेड़ उन्होंने एक नर्सरी से लेकर आए थे और इसका देखभाल किया और अब आम हर सीजन में खाने को मिल रहे हैं। उन्होंने बताया कि आने वाले समय में किसानों की आर्थिक मजबूती का जरिया बनेगा और आम का उत्पादन भी बढ़ेगा।

विशेषज्ञों की नजर में अद्भुत घटना

बागवानी विशेषज्ञों का मानना है कि यह घटना किसी खास किस्म के आम या ग्राफ्टिंग तकनीक का परिणाम हो सकती है। यह भी संभव है कि बिरकोनी की मिट्टी, पानी और मौसम का खास मेल इस पेड़ की तीन बार फलने की क्षमता का कारण हो। अगर इस पर शोध किया जाए, तो किसान समुदाय को साल में एक से ज्यादा बार आम की पैदावार से आर्थिक लाभ मिल सकता है।

प्रकृति का वरदान

गांव के लोग इस पेड़ को प्रकृति का तोहफा मानते हैं। जब सर्दियों में भी उन्हें ताजे और मीठे आम खाने को मिलते हैं, तो यह किसी त्योहार से कम नहीं लगता। बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक, हर कोई इस अनोखे पेड़ पर गर्व करता है।