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वैशाली नगर : जयपुर का सबसे बड़ा व्यापार मंडल, 2 हजार से अधिक दुकानें और शोरूम, लेकिन ग्राहकों के लिए पार्किंग नहीं

Vaishali Nagar : राजधानी का आधुनिक बाजार वैशाली नगर अब व्यापारियों और ग्राहकों दोनों के लिए परेशानी का सबब बन गया है।

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जयपुर। राजधानी का आधुनिक बाजार वैशाली नगर अब व्यापारियों और ग्राहकों दोनों के लिए परेशानी का सबब बन गया है। क्वींस रोड से लेकर गांधीपथ और खातीपुरा तक फैला यह इलाका वीआईपी, रिहायशी और हाई-फाई शोरूम के लिए मशहूर है। यहां पर ज्वैलरी से लेकर ब्रांडेड कपड़ों तक हर तरह के शोरूम मौजूद हैं। दो हजार से अधिक दुकानों वाला यह बाजार जयपुर की आर्थिक धड़कन माना जाता है, लेकिन इन दिनों यहां कारोबारियों के सामने सबसे बड़ी चुनौती ग्राहकों के लिए पार्किंग की है।

व्यापारियों का कहना है कि निगम और जेडीए की लापरवाही के कारण बाजार की स्थिति बिगड़ती जा रही है। पार्किंग स्पेस पर थड़ी-ठेले वालों का कब्जा सबसे बड़ी समस्या बन गया है। सड़क पर जहां व्हाइट लाइन के अंदर दोपहिया और चारपहिया वाहनों के लिए पार्किंग तय की गई थी, वहां अब अस्थायी ठेले और थड़ियां जम गए हैं।

थड़ी-ठेलों के असली मालिक कौन, हम नहीं जानते..

व्यापारियों का आरोप है कि बाजार में दिखने वाले थड़ी-ठेले वाले सिर्फ नाममात्र के लोग हैं। असली मालिक तो कोई और है। जो इन जगहों को किराए पर देते हैं और मोटी कमाई करते हैं। उन्हें हम नहीं जानते है। ठेले लगाने वाले तो सिर्फ मजदूरी करने वाले हैं।

गलत वेडिंग जोन से बढ़ी समस्या..

आम्रपाली सर्किल क्षेत्र में नगर निगम ने वेडिंग जोन बना दिया है। लेकिन व्यापारी इसे गलत फैसला बता रहे हैं। उनका कहना है कि यहां पहले से ट्रैफिक और पार्किंग का दबाव है, ऐसे में वेडिंग जोन बनने से पार्किंग की समस्या और गंभीर हो गई है। पहले इनके लिए डीएवी स्कूल के सामने सरकार ने जगह आवंटित की गई थी। लेकिन यह वहां पर नहीं गए।

ट्रैफिक पुलिस कर रही हठधर्मिता..

बाजार के व्यापारी ट्रैफिक पुलिस पर भी हठधर्मिता का आरोप लगा रहे हैं। उनका कहना है कि व्हाइट लाइन के अंदर खड़े दुपहिया वाहन भी पुलिस वाले उठा ले जाते हैं और चालान कर देते हैं। नियम के अनुसार व्हाइट लाइन के बाहर पार्किंग पर कार्रवाई हो सकती है, लेकिन अंदर खड़े वाहनों पर कार्रवाई करना गलत है। कई बार इस मुद्दे को लेकर व्यापारियों और ट्रैफिक पुलिसकर्मियों के बीच बहस भी हो चुकी है। व्यापारी कहते हैं कि इससे ग्राहकों में नाराजगी बढ़ रही है और बाजार की साख पर असर पड़ रहा है।

ग्राहकों के लिए पार्किंग सबसे बड़ी चुनौती

वैशाली नगर आने वाले ग्राहकों का कहना है कि उन्हें शोरूम तक पहुंचने से ज्यादा परेशानी गाड़ी पार्क करने में होती है। कई बार तो लोग पार्किंग की समस्या से बचने के लिए बाजार ही नहीं आते। व्यापारियों का कहना है कि इससे उनका कारोबार सीधे तौर पर प्रभावित हो रहा है।

ड्रेनेज सिस्टम भी फेल

पार्किंग और ट्रैफिक की समस्या के अलावा वैशाली नगर बाजार में बरसात के मौसम में हालात और बिगड़ जाते हैं। ड्रेनेज सिस्टम फेल होने से पानी भर जाता है। व्यापारियों का कहना है कि निगम के कर्मचारी नालों की सफाई केवल कागजों पर दिखाते हैं।

व्यापारी बोले – निगम और पुलिस करे काम

वैशाली नगर व्यापार मंडल ने साफ कहा है कि व्यापारियों का काम कारोबार करना है, लेकिन शहर की कानून व्यवस्था और सड़क पर कब्जे हटाना निगम और पुलिस की जिम्मेदारी है। अगर समय रहते कार्रवाई नहीं हुई तो बाजार की साख पर बुरा असर पड़ेगा।

वैशाली नगर व्यापार मंडल अध्यक्ष ललित सांचोरा का कहना है कि यह व्यापार मंडल जयपुर का सबसे बड़ा व्यापार मंडल है। यहां पर सबसे बड़ी समस्या पार्किंग को लेकर है। थड़ी ठेले वालों के कारण पार्किंग की जगह पर कब्जा हो गया है। यातायात पुलिस भी हठधर्मिता बरतती है। व्हाइट लाइन के अंदर खड़ी गाड़ियों पर कार्रवाई कर रहे है।

महासचिव वीरेंद्र सिंह राघव ने बताया कि यहां का बाजार जयपुर में सबसे डवलप है। लेकिन निगम और जेडीए की लापरवाही के कारण खराब हो रहा है। थड़ी और ठेले वालों ने कई जगहों पर सड़क पर कब्जा कर रखा है। शाम सात बजे बाद तो जाम रात तक लगा रहता है। जिसकी वजह से लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है।