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वो 7 खास बातें जिसने इस लोकसभा चुनाव को बनाया ऐतिहासिक

7 चरणों में आयोजित हुआ देश का 17वां लोकसभा चुनाव बना चर्चा का केंद्र दुनिया भर में हो रही है हिंदुस्तान के लोकतंत्र के महापर्व की तारीफ कई मायनों में ऐतिहासिक इस लोकसभा चुनाव की तमाम खासियतें हैं

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loksabha election 2019

नई दिल्ली। लोकतंत्र के महापर्व के नतीजे आज आ रहे हैं। रुझानों में भगवा रंग ही फैलता नजर आ रहा है जबकि विपक्ष काफी पीछे है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने अभी प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर हार के लिए खुद को जिम्मेदार बताते हुए पीएम मोदी को जीत की बधाई दी। दुनिया के सबसे बड़े इस चुनाव में कई खूबियां हैं। जैैसे अब तक के सर्वाधिक मतदाता हों या फिर सर्वाधिक मतदान केंद्र। हर मामले में यह चुनाव रिकॉर्ड बनाने वाला साबित हुआ। आइए जानते हैं इस लोकसभा चुनाव की 7 खास बातें:

1- सर्वाधिक मतदाता
इस चुनाव में अब तक हुए 16 लोकसभा चुनाव की तुलना में सर्वाधिक मतदाता शामिल रहे। इस बार कुल मतदाताओं की संख्या 89 करोड़ 78 लाख 11 हजार 627 थी। जबकि 2014 में 81.45 करोड़ मतदाताओं ने लोकतंत्र के महापर्व में हिस्सा लिया था।

Lok Sabha Result Live: कांग्रेस ने ली हार की जिम्मेदारी, राहुल गांधी ने PM मोदी को दी बधाई













































































वर्षमतदाताओं की संख्या

1951/52


17, 32,12,348

1957


19, 36,52,179

1962


21, 63,61,569

1967


25,02,07,401

1971


27,41,89,132

1977


32,11,74,327

1980


35,62,05,329

1984/85


40,03,75,333

1989


49,89,06,129

1991/92


5,11,533,598

1996


59,25,72,288

1998


60,58,80,192

1999


61,95,36,847

2004


67,14,87,930

2009


71,69,85,101

2014


83,40,82,814

2019


89,78,11,627

2- एक सीट पर तीन चरणों में वोटिंग

देश में अब तक आयोजित लोकसभा चुनाव में पहली बार ऐसा हुआ कि एक संसदीय क्षेत्र में एक बार से ज्यादा बार में मतदान पूरा किया गया। जम्मू एंड कश्मीर राज्य की अनंतनाग लोकसभा सीट पर तीन चरणों में वोटिंग हुई। अनंतनाग सीट पर तीन चरणों में हुए मतदान की वजह यहां पर फैली हिंसा थी। इस हिंसा की वजह से वर्ष 2016 में निर्वाचन आयोग को उप-चुनाव रद्द कराने पड़े थे, जिसके चलते यह सीट तब से रिक्त थी।

3- पहली बार इतनी सीटों पर लड़ी भाजपा

मौजूदा लोकसभा चुनाव भाजपा के लक्ष्य और भारी जीत की उम्मीद से लड़ा गया। इस वजह से ही आजादी के बाद से पहली बार ऐसा हुआ है कि इस लोकसभा चुनाव में भाजपा ने अकेले ही कांग्रेस से ज्यादा सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे। एनडीए सरकार में शामिल दलों को अपेक्षाकृत कम सीटें दी गईं। भाजपा ने इस बार 437 सीटों पर अपनी दावेदारी ठोकी तो कांग्रेस ने 421 सीटों पर चुनाव लड़ा। इस चुनाव में 50 से ज्यादा पार्टियों ने चुनाव लड़ा और इनमें ज्यादातर छोटी और क्षेत्रीय पार्टियां ही शामिल थीं।

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4- पहली बार थर्ड जेंडर ने किया मतदान

चुनाव आयोग के मुताबिक इस बार बीते चुनाव की तुलना में 8.43 करोड़ मतदाता बढ़े हैं। इसके चलते यह चुनाव विश्व का अब तक का सबसे बड़ा चुनाव बन गया। मौजूदा चुनाव में 18 से 19 वर्ष आयु के करीब डेेढ़ करोड़ मतदाता ऐसे हैं जिन्हें पहली बार मतदान का मौका मिला। जबकि पहली बार ही इस चुनाव में ऐतिहासिक रूप से थर्ड जेंडर को भी मतदाता के रूप में सूचीबद्ध किया गया। इस चुनाव में कुल 38 हजार 325 मतदाता ऐसे थे जो न तो पुरुष थे और न ही महिला, बल्कि थर्ड जेंडर थे।

5- सर्वाधिक वोटिंग

2019 के आम चुनाव में अब तक के सर्वाधिक मतदान का रिकॉर्ड बना। इससे पहले देश में सर्वाधिक मतदान बीते 2014 लोकसभा चुनाव के दौरान 66.44 फीसदी दर्ज किया गया था। जबकि इस आम चुनाव में अब तक 67.10 फीसदी मतदान हुआ। देश के पहले लोकसभा चुनाव में 45.67 फीसदी मतदान रिकॉर्ड किया गया था जो वर्ष 1967 तक हर चुनाव में बढ़ा और 61.33 फीसदी पहुंच गया। इसके बाद 1984-85 में 64.01 फीसदी रिकॉर्ड मतदान दर्ज किया गया था।

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6- वीवीपैट का इस्तेमाल

अपने मताधिकार का प्रयोग करने वाले वोटर्स को इस बात की संतुष्टि हो कि उन्होंने जिस प्रत्याशी के सामने बटन दबाया, उसे ही उनका वोट गया, के लिए पहली बार पूरे देश में वीवीपैट का इस्तेमाल किया गया। चुनाव आयोग के मुताबिक इस बार लोकसभा चुनाव के लिए 36 राज्यों की 542 लोकसभा सीटों पर 10.35 लाख मतदान केंद्र बनाए गए थे। इन मतदान केंद्रों पर ईवीएम मशीनों की 23.3 लाख बैलट यूनिट और 16.35 लाख कंट्रोल यूनिट लगाई गईं। इनमें 17.4 लाख वीवीपैट यानी वोटर वैरिफाएबल पेपर ऑडिट ट्रेल का इस्तेमाल किया गया। इससे पहले 2014 लोकसभा चुनाव में निर्वाचन आयोग ने कई मतदान केंद्रों पर पायलट प्रोजेक्ट के तहत वीवीपैट का इस्तेमाल किया था।

7- अखिल भारतीय मल्टीमीडिया कैंपेन

चुनाव आयोग ने पहली बार इस बार राष्ट्रव्यापी मल्टीमीडिया कैंपेन चलाई। इस राष्ट्रीय मल्टीमीडिया कैंपेन में सभी प्रमुख राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक मीडिया (टेलीविजन-रेडियो), अखबार, सिनेमाघर, हवाई अड्डो-रेलवे स्टेशनों मेें आउटडोर मीडिया समेत सोशल और डिजिटल मीडिया पर इसका प्रचार-प्रसार किया। भारतीय रेलवे की पार्टनरशिप में चार लंबी दूरी की ट्रेनों को मतदाता जागरूकता अभियान के लिए इस्तेमाल किया गया। इनमें जागरूकता और प्रोत्साहन वाले संदेश लिखे गए। इसके लिए कई शहरों में मेट्रो ट्रेन का भी इस्तेमाल किया गया।

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