
बीजेपी का स्वर्णिम काल अभी नहीं, पूरे देश में भगवा लहराकर लेंगे दम: अमित शाह
नई दिल्ली। बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने विपक्षी महागठबंधन पर पटना में जमकर हमला बोला। बीजेपी शक्ति केंद्र प्रभारियों को संबोधित करते हुए शाह ने हमने जिस जीत की आदत डाली है, उसे बनाए रखना होगा। देश को कांग्रेस मुक्त करने के अपने अभियान की चर्चा कहते हुए कहा कि कांग्रेस मुक्त भारत बनाने की शुरुआत बिहार से ही हुई है।
पूरे देश में भगवा लहराकर लेंगे दम: अमित शाह
शाह ने कहा कि देश के 19 राज्यों में एनडीए की सरकार है। केन्द्र में पूर्ण बहुमत की नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए की सरकार चल रही है। देश के 70 प्रतिशत भू-भाग पर आज एनडीए का शासन है। उन्होंने कहा कि कई लोग कहते हैं कि पार्टी का स्वर्णिम काल है लेकिन जब तक केरल समेत अन्य बचे राज्यों में पार्टी की सरकार नहीं बन जाती कार्यकर्ता चैन नहीं लेंगे।
'10 लोगों से 11 करोड़ लोगों की पार्टी बन गई बीजेपी'
बीजेपी अध्यक्ष ने कहा कि वह देश भर के संगठन की स्थिति का जायजा ले रहे हैं। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी अपने सहयोगी दलों के साथ मिलकर पूर्ण बहुमत के साथ एनडीए की सरकार बनाएगी। नरेन्द्र मोदी फिर से भारत के प्रधानमंत्री बनेंगे। शाह ने बीजेपी को एक विचारधारा बताते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी एक परिवार की नहीं, बल्कि विचारधारा की पार्टी है। विचारधारा के संघर्ष में कार्यकर्ताओं पर अत्याचार हुए और हमारे कार्यकर्ता आज भी बलिदान दे रहे हैं। 10 सदस्यों वाली पार्टी आज 11 करोड़ सदस्यों की सबसे बड़ी पार्टी बन गई है।
राहुल गांधी को सवाल पूछने का हक नहीं: अमित शाह
शाह ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी जगह-जगह सवाल करते हैं कि प्रधानमंत्री मोदी ने क्या किया है। गांधी को सवाल पूछने का अधिकार देश की जनता ने नहीं दिया है क्योंकि उनकी चार पीढ़ी से देश की जनता सवाल पूछना चाह रही है। गांधी की चार पीढ़ियों के कार्यकाल ने देश को क्या दिया है। शाह ने कहा कि बीजेपी जनता को हिसाब देती है।
यूपीए सरकार के मंत्री खुद को मानते थे पीएम: शाह
संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) की सरकार दस वर्षों तक रही और इस दौरान महंगाई एवं भ्रष्टाचार चरम सीमा पर पहुंच गई थी। इस दौरान दुनिया में देश का सम्मान नीचे गिरा था। उन्होंने कहा कि यूपीए की सरकार में नीतिगत फैसला नहीं होता था और उस समय सभी कैबिनेट मंत्री अपने को प्रधानमंत्री मानते थे। प्रधानमंत्री को कोई नहीं मानता था।
Published on:
12 Jul 2018 08:01 pm
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