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Reservation पर गरमाई देश की सियासत, BJP President JP Nadda ने कहा- हम आरक्षण व्यवस्था के साथ

locationनई दिल्लीPublished: Jun 12, 2020 08:50:06 pm

Submitted by:

Mohit sharma

Reservation system का समर्थन करती है BJP, Supreme Court के कमेंट पर Jp nadda ने साफ किया स्टैंड
Jp nadda ने कहा, Modi Government और BJP आरक्षण के प्रति पूरी तरह कटिबद्ध है सामाजिक न्याय के प्रति हमारी वचनबद्धता अटूट है

Reservation पर गरमाई देश की सियासत, BJP President JP Nadda ने कहा- हम आरक्षण व्यवस्था के साथ

Reservation पर गरमाई देश की सियासत, BJP President JP Nadda ने कहा- हम आरक्षण व्यवस्था के साथ

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ( Supreme Court ) की ओर से आरक्षण ( Reservation )को मौलिक अधिकार ( Fundamental Rights ) न बताए जाने के बाद इस मसले पर बहस छिड़ गई है। आगामी बिहार विधानसभा चुनाव ( Bihar Assembly Elections ) को देखते हुए सतर्क हुई भाजपा ( BJP ) ने अपना रुख आरक्षण के मसले पर साफ कर दिया है। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ( BJP president JP Nadda ) ने शुक्रवार को आरक्षण के मुद्दे ( Reservation issues ) पर सफाई देनी पड़ी है। नड्डा ने कहा, मोदी सरकार ( Modi Government ) और भाजपा आरक्षण के प्रति पूरी तरह कटिबद्ध है सामाजिक न्याय ( Social justice ) के प्रति हमारी वचनबद्धता अटूट है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ( PM Narendra Modi ) ने बार-बार आरक्षण को लेकर अपने संकल्प को दोहराया है, सामाजिक समरसता और सभी को समान अवसर हमारी प्राथमिकता है। मैं इसे साफ करना चाहता हूं भाजपा आरक्षण व्यवस्था के साथ हैं।

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माना जा रहा है कि 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव के मद्देनजर भाजपा सतर्क है। पिछले विधानसभा चुनाव से सबक लेते हुए पार्टी ने आरक्षण पर बहस छिड़ते ही तुरंत स्टैंड साफ करते हुए समर्थन किया है। बिहार के पिछले चुनाव के दौरान संघ प्रमुख मोहन भागवत ने एक बयान में आरक्षण की समीक्षा किए जाने की बात कही थी, जिसे तब राजद मुखिया लालू यादव ने चुनाव के दौरान खूब भुनाया था। लालू प्रसाद यादव ने समीक्षा की बात को आरक्षण खत्म करने की चाल बताते हुए इसे चुनाव में बड़ा मुद्दा बनाया था। हालांकि, तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रैलियों में साफ कर दिया था कि उनकी सरकार आरक्षण से कोई छेड़छाड़ नहीं करने वाली है। बावजूद, इसके पार्टी को चुनाव में आरक्षण का मुद्दा उछलने पर नुकसान उठाना पड़ा था।

अब एक बार फिर से आरक्षण पर बहस, सुप्रीम कोर्ट के गुरुवार को दिए गए एक फैसले से उठी। जब सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु के मेडिकल कॉलेजों में ओबीसी कोटा को लेकर दाखिल याचिकाओं की सुनवाई करते हुए कहा था कि आरक्षण मौलिक अधिकार नहीं है। यह याचिका तमिलनाडु की कई पार्टियों ने दाखिल की थी। याचिका में मेडिकल कॉलेजों में 50 फीसदी सीटें ओबीसी के लिए रिजर्व करने की मांग की गई थी।

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