
दिल्ली: पूर्व सीएम मदन लाल खुराना के बाद भाजपा कभी नहीं बन पाई कांग्रेस का विकल्प
नर्इ दिल्ली। दिल्ली का शेर माने जाने वाले पूर्व मुख्यमंत्री मदन लाल खुराना का शनिवार रात को निधन हो गया। वो 1993 से लेकर 1996 तक दिल्ली के सीएम रहे। उनका सीएम होना दिल्ली के इतिहास व भाजपा के लिहाज से अहम माना जाता है। उसके बाद एक-एक साल के लिए साहिब सिंह वर्मा और सुषमा स्वराज दिल्ली की सीएम रहीं। लेकिन दो दशक से ज्यादा समय बीत जाने के बाद भी दिल्ली में भाजपा कांग्रेस का विकल्प नहीं बन पाई। न दिल्ली में खुराना जैसा मुख्यमंत्री दे पाई। हालांकि भाजपा दिल्ली नगर निगम में लंबे अरसे से जरूर काबिज है।
भाजपा पर भारी प्याज की मार
जिस समय खुराना दिल्ली के मुख्यमंत्री थे उस समम प्याज की कीमत ने दिल्ली के लोगों को बहुत रुलाया था। इसके साथ ही पार्टी के अंदर नेताओं से असहमति ने उन्हें मुख्यमंत्री का पद छोड़ने के लिए मजबूर किया था। उसके बाद भाजपा नेतृत्व ने एक साल के लिए साहिब सिंह वर्मा को और एक साल के लिए सुषमा स्वराज दिल्ली की मुख्यमंत्री बनीं। नेतृत्व में बदलाव के बाद भी भाजपा प्याज की बढ़ती कीमतों में नियंत्रित नहीं कर पाई। उसके बाद 1998 में कांग्रेस सत्ता में आई और लगातार तीन कार्यकाल तक शीला दीक्षित दिल्ली की मुख्यमंत्री रहीं। अब सीएम केजरीवाल दिल्ली की सत्ता पर काबिज हैं। यानी भाजपा उसके बाद दिल्ली की सत्ता में वापस नहीं लौट सकी। यहां तक की देश के पीएम नरेंद्र मोदी भी दिल्ली में भाजपा को वापसी नहीं करा सके। वो दम सिर्फ मदन लाल खुराना में ही था कि उन्होंने अपने दम पर दिल्ली में भाजपा को खड़ा किया और चुनाव कराकर दिल्ली में सरकार बनार्इ। जिस समय वेा दिल्ली के सीएम बने उस समय केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी और पीवी नरसिम्हा राव देश के पीएम थे।
37 साल बाद बनी थी दिल्ली में सरकार
नर्इ दिल्ली में 1956 से लेकर 1993 तक कोर्इ चुनाव नहीं हुआ था। 1956 से पहले दिल्ली में दो मुख्यमंत्री बने थे। उस समय कमिश्नरी सिस्टम होने के कारण मुख्यमंत्री के पास कोई खास पॉवर नहीं थी। 1991 में केंद्र की कांग्रेस सरकार ने 69वें संविधान संशोधन के जरिए दिल्ली विधानसभा को पुनर्गठित कर दिया। 1993 में दिल्ली में विधानसभा चुनाव हुआ और कांग्रेस को पटखनी देकर मदल लाल खुराना सीएम बन गए। भाजपा को दिल्ली की सत्ता तक पहुंचाने में खुराना का अहम योगदान था। उन्होंने ही विपक्ष में रहकर सरकार के सामने मांग उठार्इ थी कि दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिया जाए और चुनाव कराकर दिल्ली में सरकार बनार्इ जाए।
Published on:
28 Oct 2018 12:10 pm
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