
महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव (Maharashtra Assembly Elections 2024) में पस्त होने के बाद विधानसभा चुनाव में बीजेपी नीत महायुति गठबंधन ने प्रचंड जीत हासिल की। लेकिन विपक्षी खेमे के नेता नतीजे पर संदेह जाता रहे है और ईवीएम से छेड़छाड़ का आरोप लगा रहे है। इसको लेकर कुछ नेताओं ने अदालत का रुख किया है। बॉम्बे हाईकोर्ट ने सोमवार को एक याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्रीय चुनाव आयोग और राज्य चुनाव आयोग को नोटिस जारी किया है।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में शाम छह बजे के बाद मतदान के आंकड़ों पर विपक्षी दलों ने खासतौर पर सवाल उठाये है। इस संबंध में बॉम्बे हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी। याचिकाकर्ता की ओर से वंचित बहुजन आघाडी (वीबीए) मुखिया और एडवोकेट प्रकाश अंबेडकर ने दलील दी।
जस्टिस अजय गडकरी और जस्टिस कमल खाता की दो सदस्यीय पीठ के समक्ष यह सुनवाई हुई। प्रकाश अंबेडकर ने आरोप लगाया कि रिटर्निंग ऑफिसर ने शाम 6 बजे के बाद मतदान को लेकर नियमों का ठीक से पालन नहीं किया। उन्होंने मांग की कि चुनाव आयोग शाम 6 बजे के बाद हुई वोटिंग के वीडियो मुहैया कराए।
याचिका में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में शाम 6 बजे के बाद पड़े 76 लाख वोटों पर संदेह जताया गया है। प्रकाश अंबेडकर ने कहा कि अधिकारियों द्वारा नियमों का पालन नहीं किया। पिछले विधानसभा चुनाव में शाम 6 बजे के बाद मतदान के प्रतिशत और इस साल शाम 6 बजे के बाद मतदान के प्रतिशत में बड़ा अंतर है। दलीलों को सुनने के बाद हाईकोर्ट ने राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी और केंद्रीय चुनाव आयोग को नोटिस जारी किया। इस याचिका पर अगली सुनवाई 2 हफ्ते बाद होगी।
शिवसेना (UBT) नेता संजय राउत ने कहा, "हाईकोर्ट ने ईवीएम के बारे में बहुत सख्ती से सवाल पूछे हैं। महाराष्ट्र चुनाव में 76 लाख वोट कैसे बढ़े? इस बारे में स्पष्टीकरण मांगा है... ये बड़ा घोटाला है और यही महाराष्ट्र में फडणवीस सरकार की जीत का सबसे बड़ा कारण है। इस मामले में जांच होनी चाहिए। अगर हाईकोर्ट ने इस मामले को गंभीरता से लिया है तो हम उनका स्वागत करते हैं।"
हाल ही में महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा था, लोकसभा चुनाव के छह महीने के भीतर मतदाताओं की संख्या 50 लाख कैसे बढ़ गई और मतदान के दिन शाम पांच बजे के बाद 76 लाख वोट कैसे जुड़ गए? पारदर्शिता की मांग के बावजूद, आयोग ने कोई डेटा उपलब्ध नहीं कराया।
हालांकि महाराष्ट्र के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) एस चोकलिंगम ने इन दावों को खारिज किया था। उन्होंने कहा था, महाराष्ट्र एक बड़ा राज्य है, जिसमें एक लाख से अधिक मतदान केंद्र हैं। ऐसे में अगर मतदान के अंतिम घंटे में 76 लाख वोटर मतदान के लिए आते हैं, तो हर मतदान केंद्र पर औसतन केवल 76 मतदाता होंगे।
Updated on:
03 Feb 2025 08:51 pm
Published on:
03 Feb 2025 08:24 pm
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