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कर्नाटक: BJP के किसी CM ने अब तक पूरा नहीं किया अपना 5 साल का कार्यकाल

locationनई दिल्लीPublished: Jul 26, 2021 04:26:55 pm

Submitted by:

Anil Kumar

Karnataka CM BS Yediyurappa Resigns: बीते कई दिनों से कर्नाटक में जारी सियासी अटकलों के बीच मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने राज्यपाल थावरचंद गहलोत को अपना इस्तीफा सौंप दिया। कर्नाटक में भाजपा के किसी भी सीएम ने अब तक अपने पांच साल के कार्यकाल का पूरा नहीं कर सका है।

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Karnataka: CM BS Yediyurappa Resigns, No BJP Chief Minister Has Completed His 5 year Tenure Till Now

नई दिल्ली। आखिरकार कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा (Karnataka CM BS Yediyurappa Resigns) ने सोमवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया। बीते कई दिनों से जारी सियासी अटकलों के बीच येदियुरप्पा ने राज्यपाल थावरचंद गहलोत को अपना इस्तीफा सौंप दिया। इस दौरान अपने दो साल के कार्यकाल का रिपोर्ट कार्ड पेश करते हुए वे काफी भावुक नजर आए और कहा कि केंद्रीय नेतृत्व ने उनका पूरा साथ दिया।

बता दें कि दक्षिण भारत में कर्नाटक इकलौता ऐसा राज्य है जहां पर भाजपा सरकार बनाने में सफल रही है। इसके अलावा दक्षिण भारत के किसी भी प्रदेश में कर्नाटक को मजबूत जनाधार नहीं है। लेकिन सबसे हैरत की बात ये है कि भाजपा का कोई भी मुख्यमंत्री कर्नाटक में अपने पांच साल के कार्यकाल को पूरा नहीं कर सका है।

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कर्नाटक के अलावा उत्तराखंड में भी भाजपा का कोई भी मुख्यमंत्री पांच साल का कार्यकाल पूरा करने में सफल नहीं हो सका है। अभी हाल ही उत्तराखंड में नेतृत्व परिवर्तन हुआ है और तीरथ सिंह रावत की जगह पुष्कर सिंह धामी प्रदेश के नए मुख्यमंत्री बने हैं। अब कर्नाटक के नए मुख्यमंत्री कौन होंगे इसपर अभी फैसला होना बाकी है। हालांकि, नए सीएम के तौर पर कर्नाटक के गृह मंत्री बसवराज बोम्मई, कर्नाटक विधानसभा के अध्यक्ष विश्वेश्वरा हेगड़े कगेरी और केंद्रीय कोयला खनन मंत्री और संसदीय कार्य मंत्री प्रह्रलाद जोशी का नाम सबसे आगे है।

कर्नाटक में सिर्फ तीन मुख्यमंत्री ने पूरा किया अपना कार्यकाल

आपको बता दें कि भाजपा कर्नाटक में तीन बार सरकार बनाने में सफल रही है। लेकिन एक बार फिर किसी सीएम ने अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा नहीं किया है। हालांकि, कर्नाटक के इतिहास में सिर्फ तीन मुख्यमंत्री ऐसे हुए हैं जिन्होंने अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा किया है। इनमें एन निजलिंगप्पा (1962-68), डी देवराजा उर्स (1972-77) और सिद्धरमैया (2013-2018) का नाम शामिल है। ये तीनों कांग्रेस के नेता हैं।

कर्नाटक में भाजपा और कांग्रेस के अलावा जेडीएस पार्टी का वर्चस्व है। लेकिन जेडीएस से भी कोई सीएम अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर सका है। दो साल पहले कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन की सरकार बनी थी, और जेडीएस से एचडी कुमारस्वामी सीएम बने थे, लेकिन कुछ महीनों के बाद ही सरकार गिर गई और कुमारस्वामी को इस्तीफा देना पड़ा।

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भाजपा के मुख्यमंत्रियों का इतिहास

बता दें कि कर्नाटक बीजेपी में बीएस येदियुरप्पा सबसे बड़े नेताओं में से एक हैं। वे पांच दशकों से राजनीति में सक्रिय हैं। इस दौरान चार बार (भाजपा की ओर से सबसे अधिक) कर्नाटक के सीएम बने। लेकिन हैरानी की बात ये है कि वे एक बार भी अपने कार्यकाल को पूरा नहीं कर सके। बीजेपी की ओर से येदियुरप्पा के अलावा जगदीश शेट्टार और डीवी सदानंदा गौड़ा भी मुख्यमंत्री रहे हैं, लेकिन ये दोनों नेता भी अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए।

कर्नाटक में पहली बार 2007 में भाजपा की सरकार बनी और बीएस येदियुरप्पा ने 12 नवंबर 2007 को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। लेकिन बहुमत साबित नहीं कर पाने की वजह से मात्र सात दिन में (19 नंवबर 2007) इस्तीफा देना पड़ा। इसके बाद राज्य में राष्ट्रपति शासन लग गया।

2008 में जब फिर से राज्य में चुनाव हुए तो भाजपा ने भारी बहुमत के साथ पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई और बीएस येदियुरप्पा फिर से कर्नाटक के मुख्यमंत्री बने। उन्होंने 30 मई 2008 को सीएम पद की शपथ ली। लेकिन एक बार फिर से तीन साल बाद उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा। इस बार भाजपा नेतृत्व के साथ अनबन होने की वजह से उन्होंने पार्टी छोड़ते हुए 31 जुलाई 2011 को अपने पद से इस्तीफा दे दिया।

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येदियुरप्पा की जगह डीवी सदानंद गौड़ा को मुख्यमंत्री बनाया गया। उन्होंने 4 अगस्त 2011 को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली, लेकिन एक साल पूरा होने से पहले उन्हें 12 जुलाई 2012 को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा। अब सदानंद की जगह जगदीश शेट्टार को सीएम की कुर्सी सौंपी गई। शेट्टार ने 12 जुलाई 2012 को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली।

इसके बाद 2013 में जब विधानसभा चुनाव हुए तो भाजपा को बड़ा झटका लगा और बुरी तरह से चुनाव हार गई। ऐसे में शेट्टर को 12 मई 2013 को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे ना पड़ा। 2013 में कांग्रेस की सरकार बनी और सिद्धारमैया मुख्यमंत्री बने। उन्होंने अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा किया।

इसके बाद 2014 में एक बार फिर से लोकसभा चुनाव से ठीक पहले येदियुरप्पा ने भाजपा में वापसी की। इस बार भाजपा ने येदियुरप्पा को बड़ी जिम्मेदारी देते हुए प्रदेश अध्यक्ष बनाया, जिसके बाद 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा ने वापसी तो की, लेकिन बहुमत के आंकड़े से दूर रह गई।

हालांकि, भाजपा ने बहुमत होने का दावा करते हुए येदियुरप्पा को सीएम पद की शपद दिला दी। इस तरह येदियुरप्पा ने तीसरी बार 17 मई 2018 को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। लेकिन सदन में बहुमत साबित नहीं कर पाए और उन्हें 23 मई 2018 को इस्तीफा देना पड़ा। इसके बाद कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन की सरकार बनी और एचडीकुमारस्वामी मुख्यमंत्री बने। लेकिन एक साल के भीतर ही कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन की सरकार गिर गई और एकबार फिर से भाजपा ने सरकार बनाने का दावा पेश किया और इस तरह से बीएस येदियुरप्पा ने चौथी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली।

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