रक्षा मंत्रालय ने लिखा था खत
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक रक्षा मंत्रालय ने 2013 में चुनाव आयोग को एक खत लिखा था। जिसमें जिक्र था कि कई राजनीतिक दल और नेता अपने प्रचार के लिए सैनिकों की तस्वीर का इस्तेमाल कर रहे हैं। मंत्रालय के इसी खत को आधार बनाकर चुनाव आयोग ने राष्ट्रीय और सभी क्षेत्रीय दलों को ये निर्देश दिए गए हैं कि सैनिकों की तस्वीर का इस्तेमाल न हो।
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विकास नहीं सेना पर हो रही राजनीतिक बहस
गौरतलब है कि पुलवामा हमले के बाद से देश की राजनीति विकास के मुद्दे से हटकर सीमा और सैनिकों पर केंद्रित हो गई है। आए दिन राजनीतिक रैलियों में सत्ता पक्ष और विपक्ष सेना की एयर स्ट्राइक और सर्जिकल स्ट्राइक के शब्दों का धड़ल्ले से इस्तेमाल कर रहा है।
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बीजेपी और पीएम मोदी ने भी किया सेना का जिक्र
एयर स्ट्राइक के बाद बीजेपी के कई बड़े नेताओं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर के साथ सैनिकों की तस्वीरों का विज्ञापन के लिए इस्तेमाल देखा गया है। सड़कों पर होर्डिंग से लेकर अखबारों में विज्ञापन तक में भारतीय सेना के साथ पीएम मोदी की तारीफ की गई है। पीएम मोदी ने खुद कई राजीनितक रैलियों में पाकिस्तान पर सेना की ओर से की गई एयर स्ट्राइक का जिक्र कर अपनी सरकार की तारीफों के पुल बांधे हैं। विंग कमांडर अभिनंदन की रिहाई को लेकर भी सरकार अपनी पीठ थपथपा रही है। सेना की ओर से मारे गए आतंकियों की संख्या नहीं बताने के बाद भी बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने मंच से 250 आतंकियों के मारे जाने की बात कही थी।
विपक्ष भी सेना पर राजनीति में नहीं है पीछे
विपक्ष भी सेना पर राजनीति करने में पीछे नहीं है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी समेत कई दिग्गज नेता लगातार रैलियों में एयर स्ट्राइक पर सवाल उठा रहे हैं। कुछ नेता जहां इस कार्रवाई का सबूत मांग रहे हैं, तो कुछ इसपर बेतुके बयान दे रहे हैं।