‘पांचवें साल में भी बराबरी नहीं कर सकी मोदी सरकार’ वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा कि मोदी सरकार को सत्ता में आए यह पांचवां साल है और सरकार संप्रग-1 की औसत विकास दर की बराबरी नहीं कर सकी है लेकिन उम्मीद कर रही है कि यूपीए-2 के शासन काल की विकास दर को पकड़ सकती है। उन्होंने यहां प्रेसवार्ता के दौरान कहा, ‘देश के वास्ते हमारी आकांक्षा है कि सरकार पांचवें साल में बेहतर करे।’ उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में मौजूदा सरकार को एक ऐसी अर्थव्यवस्था विरासत में मिली थी जो प्रगति की ओर अग्रसर थी।
‘मंद पड़ गई प्रगति की रफ्तार’ चिदंबरम ने कहा, ‘दुर्भाग्यवश, दो साल बाद सरकार लड़खड़ा गई और प्रगति की रफ्तार मंद पड़ गई। नोटबंदी, त्रुटिपूर्ण ढंग से वस्तु एवं सेवा कर लागू करना और कर आतंकवाद इसके मुख्य कारण रहे हैं। पिछली शृंखला के आंकड़े अब उपलब्ध हैं। आंकड़ों से यह बात सही प्रमाणित होती है कि सच को हमेशा के लिए नहीं दबाया जा सकता है। झूठ और तोड़मरोड़ कर तथ्यों को पेश किए जाने के बीच सच उभरकर सामने आ गया है।’
‘आधार वर्ष बदलकर भ्रम पैदा किया गया’ उन्होंने कहा, ‘सरकार 2014 के मई में सत्ता में आई और उसके बाद से डॉ मनमोहन सिंह के 2004 से लेकर 2014 के शासन काल के रिकॉर्ड की आलोचना करने के प्रयास लगातार जारी हैं।’ सांख्यिकी मंत्रालय के आंकड़ों का जिक्र करते हुए चिदंबरम ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था की विकास दर राजग-1 (प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में) शासन काल में 5.68 फीसदी थी, जो संप्रग-1 कार्यकाल में 8.36 फीसदी और संप्रग-2 में 7.68 फीसदी हो गई, जबकि राजग-2 में यह 7.33 फीसदी है। काफी भ्रम पैदा किए गए। मोदी सरकार ने आधार वर्ष को 2004-05 से बदलकर 2011-12 करके भ्रम पैदा किया।’