रफाल की तरह नोटबंदी भी अपराध: राहुल गांधी
राहुल गांधी ने गुरुवार को ट्विटर पर लिखा कि रफाल की तरह नोटबंदी भी भारत के खिलाफ एक अपराध तथा बड़ा घोटाला था। पार्रिकर ने अपनी खाल बचाने के लिए खुद को इस सौदे से अलग कर दिया। सुब्रमण्यम भी नोटबंदी के मुद्दे पर अब वही कर रहे हैं। मुझे आश्चर्य हो रहा है कि जब वह इस फैसले से असहमत थे तो उन्होंने इस्तीफा क्यों नहीं दिया। देशवासियों, चिंता मत कीजिए, दोषी पकड़ा जाएगा और उसे सजा दी जाएगी।
अरविंद सुब्रमण्यम ने किया बड़ा खुलासा
बता दें कि पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) अरविंद सुब्रमण्यम ने पद पर रहते हुए नोटबंदी पर यूं तो लंबे समय तक चुप्पी साधे रखी थी, लेकिन पद छोड़ने के छह महीने बाद उन्होंने नोटबंदी को एक बड़ा, सख्त और मौद्रिक (मॉनेटरी) झटका करार दिया। उन्होंने कहा कि नोटबंदी ने सातवीं तिमाही के बाद अर्थव्यवस्था को सबसे निचले स्तर 6.8 फीसदी पर धकेल दिया, जबकि उससे पहले यह आठ फीसदी थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 8 नवंबर, 2016 के फैसले पर चुप्पी तोड़ते हुए उन्होंने गुरुवार को कहा कि उनके पास इस तथ्य के अलावा कोई अनुभवसिद्ध दृष्टिकोण नहीं है कि औपचारिक सेक्टर में वेलफेयर कॉस्ट उस वक्त पर्याप्त थी।
नोटबंदी अविश्वसनीय आर्थिक प्रयोग: सुब्रमण्यम
चार साल के कार्यकाल के बाद अपने पद से इस्तीफा दे चुके अरविंद सुब्रमण्यम ने हालांकि इस बारे में खुलासा नहीं किया कि नोटबंदी के फैसले पर उनसे राय ली गई थी या नहीं। उन्होंने ने अपनी पुस्तक ‘ऑफ काउंसल : द चैलेंजेज ऑफ द मोदी-जेटली इकोनॉमी’ में नोटबंदी पर एक अध्याय लिखा है। सुब्रमण्यम ने कहा कि नोटबंदी एक बड़ा, सख्त और मौद्रिक झटका था। इस फैसले के बाद एक ही झटके में 86 प्रतिशत प्रचलित नोट को वापस मंगा लिया गया था। इस कारण वास्तविक जीडीपी वृद्धि प्रभावित हुई। वृद्धि में कमी आनी पहले ही शुरू हो गई थी लेकिन नोटबंदी के बाद इसमें तेजी आ गई। उन्होंने कहा कि नोटबंदी आधुनिक भारतीय इतिहास में अविश्वसनीय आर्थिक प्रयोगों में से एक थी।