
सोनिया गांधी (फाइल फोटो)
नई दिल्ली। कांग्रेस को मजबूत करने के लिए पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शुक्रवार को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और पुडुचेरी के मुख्यमंत्री वी नारायणसामी के साथ बैठक की।
सोनिया गांधी ने कहा कि कांग्रेस की सरकारों को संवेदनशील, जवाबदेह और पारदर्शी शासन की मिसाल पेश करनी होगी और घोषणापत्र में किए गए वायदों को पूरा करना होगा। उन्होंने कहा कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो कांग्रेस जनता का विश्वास खो देगी और परिणाम विपरीत होंगे।
इसके साथ ही राजनीतिक नियुक्तियों को लेकर भी सोनिया गांधी ने कहा है कि इसमें पूर्णतः पारदर्शिता बरती जाए और वास्तविक कार्यकर्ता को ही पद दिए जाएं। इसके लिए कांग्रेस अध्यक्ष ने पांडे को सरकार और संगठन के साथ समन्वय स्थापित कर राजनीतिक नियुक्तियों को तय करने के निर्देश भी दिए है। इसके साथ ही प्रभारी और सह प्रभारी सचिव को प्रदेश के दौरे कर सरकार और संगठन के बीच सेतू बनकर कार्य करने के निर्देश दिए है।
इस पूरी बैठक की सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के सामने सभी मुख्यमंत्रियों को आर्थिक मोर्चे पर जानकारी दी। उन्होंने बताया कि उन्हें किस ढंग से जनता के बीच जाना है, जनता को कैसे राहत देनी है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की गलत नीतियों की वजह से आर्थिक मंदी को लेकर भी लोगों को बताना है।
इस मामले पर सोनिया गांधी ने राज्यों के मुख्यमंत्रियों-प्रभारी महासचिव को कहा है कि वह मनमोहन सिंह से विमर्श करके तमाम तथ्य जान सकते हैं। इसके अलावा सोनिया गांधी ने घोषणा पत्र जो कि विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस जनता के सामने लेकर गई थी उनमें से कितने वादे 1 साल में पूरे हुए हैं इसको लेकर भी चर्चा की।
कांग्रेस अध्यक्ष ने अलग-अलग राज्यों के मुख्यमंत्रियों से जनहित योजनाओं के बारे में पूछा। केंद्र द्वारा चलाई जा रही योजनाओं पर राज्यों को उनका हिस्सा मिल रहा है कि नहीं मिल रहा है इस बारे में भी सवाल किया। उन्होंने जनहित योजनाओं से जुड़े मामलों पर राज्य सरकार द्वारा की जा रही पहल और केंद्र सरकार से कम्युनिकेशन जारी रखने को कहा है।
Updated on:
14 Sept 2019 09:02 am
Published on:
13 Sept 2019 09:38 pm
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