
नई दिल्ली। उत्तराखंड ( Uttarakhand ) से बड़ी खबर सामने आ रही है। यहां बीजेपी नेता और सरकार में कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत ( Harak Singh Rawat Resignation ) ने अपना इस्तीफा दे दिया है। रावत अपनी ही सरकार से नाराज नजर आए। दरअसल उन्होंने अपनी ही सरकार पर बड़ा आरोप लगाया है। रावत ने कहा है कि लगातार उनकी योजनाओं को लटका रही है। अपने अनदेखी को लेकर हरक सिंह रावत काफी भावुक नजर आए। धामी सरकार के इस रवैये को लेकर उन्होंने अपनी नाराजगी जाहिर की। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक हरक सिंह रावत कैबिनेट की मीटिंग बीच में ही छोड़कर बाहर निकल गए।
उत्तराखंड में कांग्रेस के बाद अब शायद भारतीय जनता पार्टी के लिए मुश्किल का वक्त शुरू हो गया है। पार्टी में मतभेद का बड़ा मामला सामने आया है। जिस अंदरुनी कलह से शुक्रवार को कांग्रेस ने राहत ली वैसी ही अंतर्कलह शाम होते-होते बीजेपी में देखने को मिली।
यह भी पढ़ेँः
Punjab Assembly Election 2022: AAP ने जारी की उम्मीदवारी की तीसरी लिस्ट, 18 सीटों पर उतारे प्रत्याशी
कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत ने शुक्रवार शाम मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। इससे पहले वे कैबिनेट बैठक को बीच में छोड़कर निकल आए थे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार कोटद्वार में( स्वीकृत करने को लेकर) मेडिकल कॉलेज को लटका रही है, ऐसे में वे अब काम नहीं कर सकते हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो हरक ने ये इस्तीफा भी कैबिनेट बैठक के दौरान दिया है। लंबे समय से हरक सिंह रावत कोटद्वार में मेडिकल कॉलेज की मांग कर रहे थे। उन्होंने कई बार सरकार के सामने ये मुद्दा भी उठाया था, लेकिन लगातार उनकी इस मांग को लटकाया जा रहा है।
यही वजह है कि चुनाव से पहले उन्होंने एक बार फिर इस मुद्दे को लेकर अपनी बात रखी जिस पर मतभेद होने के बाद नाराज होकर हरक सिंह रावत मीटिंग से बाहर निकल आए और इस्तीफा दे दिया।
कर सकते हैं कांग्रेस का रुख
खबर ये भी है कि हरक सिंह रावत अब चुनावी मौसम में कांग्रेस का रुख कर सकते हैं। हालांकि इसको लेकर अभी तक पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन अटकलें लगनी शुरू हो गई हैं।
यह भी पढ़ेँ-
'कांग्रेस ने माना- हरीश रावत किसी काम के नहीं', हरीश रावत के बहाने CM धामी का कांग्रेस पर तंज
कौन है हरक सिंह रावत
हरक सिंह रावत उत्तराखंड के बड़े नेता हैं, जिन्होंने 2016 में कांग्रेस आलाकमान से बगावत कर दी थी और भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए थे। हरक सिंह रावत पहली बार 1991 में पौड़ी से चुन कर विधानसभा आए थे। उस वक्त उत्तराखंड अलग राज्य नहीं था और उत्तर प्रदेश का हिस्सा था।
Published on:
24 Dec 2021 11:03 pm
बड़ी खबरें
View Allराजनीति
ट्रेंडिंग
