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प. बंगाल पंचायत चुनाव: SC ने दिए संकेत 34 फीसदी सीटों पर दोबारा हो सकता हैं चुनाव

पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव में 34 प्रतिशत से ज्यादा सीटों पर तृणमूल कांग्रेस प्रत्याशियों के निर्विरोध चुने जाने पर देश की सर्वोच्च अदालत ने हैरानी जताई है।

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सुप्रीम कोर्ट

प. बंगाल पंचायत चुनाव: SC ने दिए संकेत 34 फीसदी सीटों पर दोबारा हो सकता हैं चुनाव

नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव को लेकर एक बार फिर से सुप्रीम कोर्ट ने सवाल खड़े कर दिए हैं। पंचायत चुनाव में 34 प्रतिशत से ज्यादा सीटों पर तृणमूल कांग्रेस प्रत्याशियों के निर्विरोध चुने जाने पर देश की सर्वोच्च अदालत ने हैरानी जताई है। मंगलवार को सुनवाई करते हुए कोर्ट ने एक संकेत में कहा है कि ऐसी सीटों पर फिर से चुनाव के आदेश दिया जा सकता है। बता दें कि इस मामले को लेकर बुधवार को फिर से सुनवाई होगी।

मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता में तीन जजों की बेंच मामले की कर रही है सुनवाई

आपको बता दें कि बीते 14 मई को पश्चिम बंगाल में ग्राम पंचायत की 48,650 में से 16,814 सीटों पर तृणमूल कांग्रेस के प्रत्याशी के अलावा कोई और दूसरे दल का प्रत्याशी खड़ा नहीं हुआ था। पंचायत समिति की 9217 सीटों में से 3059 और जिला परिषद की 825 सीटों में से 203 में भी सिर्फ सीएम ममता बनर्जी की पार्टी का उम्मीदवार ही मैदान में था। इस मामले को लेकर मंगलवार को देश की सर्वोच्च अदालत ने सुनवाई हुई। मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली 3 जजों की बेंच ने इन आंकड़ों पर हैरानी जताते हुए कहा कि कुछ सीटें होती तो समझा जा सकता था लेकन हजारों सीटों पर कोई भी दूसरा उम्मीदवार न खड़ा हो ऐसा सामान्य तौर पर नहीं हो सकता है। कोर्ट ने इन आंकड़ों पर नजर डालते हुए कहा कि खास तौर पर बीरभूम, बांकुड़ा, मुर्शिदाबाद और दक्षिण 24 परगना में ऐसी सीटों की संख्या बहुत ज़्यादा है, जहां पर तृणमूल कांग्रेस के अलावा किसी भी दूसरे दल या फिर निर्दलीय प्रत्याशी भी नहीं थे। कोर्ट ने कहा कि संविधान के 9वें अध्याय में पंचायती राज की व्यवस्था की गई है और ऐसा लगता है कि ये सही तरीके से काम नहीं कर पा रहा है।

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भाजपा और कांग्रेस ने की थी शिकायत

आपको बता दें कि जब पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव के लिए नामांकन किए जा रहे थे तब भाजपा और कांग्रेस ने प्रत्याशियों को हिंसा के जरिए नामांकन रोकने की शिकायत की थी। उस दौरान इस मामले की सुनवाई कलकत्ता हाई कोर्ट में हो रही थी। चुनाव आयोग ने उस वक्त मामले की गंभीरता को देखते हुए पहली बार ईमेल या वाट्सअप के जरिए नामांकन भरने की इजाजत दी। हालांकि बाद में इसे रद्द कर दिया। तब सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए चुनाव परिणाम को रोकने से मना कर दिया था। हालांकि कोर्ट ने यह भी कहा था कि जिन सीटों पर एक ही प्रत्याशी है उनके नतीजे घोषित नहीं किए जाएं।

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बुधवार को फिर से होगी सुनवाई

मंगलवार को कोर्ट ने सुनवाई करते हुए राज्य चुनाव आयोग से निर्विरोध निर्वाचन वाली सीटों की संख्या पूछी है। चुनाव आयोग की ओर से पेश अधिकारी ने कोई भी आंकड़ा पेश नहीं किया जिस पर अदालत ने नाखुशी जाहिर की। फिर कोर्ट ने कहा कि "करदाताओं के पैसे खर्च कर आप यहां क्यों आए? आप से उम्मीद की जाती है कि आप कोर्ट की सहायता करेंगे।" कोर्ट ने चुनाव आयोग को कहा कि इस मामले को लेकर वे सीटों की संख्या को बताएं जहां पर प्रत्याशी ने निर्विरोध जीत दर्ज की है। बता दें कि बुधवार को इसम मामले को लेकर फिर से सुनवाई होगी।


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