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कांठल में खरीफ की शत-प्रतिशत बुवाई

locationप्रतापगढ़Published: Jul 22, 2018 11:07:15 am

Submitted by:

rajesh dixit

सोयाबीन और उड़द लक्ष्य से अधिक रकबे में

pratapgarh

कांठल में खरीफ की शत-प्रतिशत बुवाई

प्रतापगढ़. कांठल में इस वर्ष खरीफ की फसल लक्ष्य के मुकाबले अधिक क्षेत्र में बोई गई है।इसका कारण यह है कि बारिश अलग-अलग क्षेत्रों में कईदिनों तक हुई। इस कारण सोयाबीन और उड़द की बुवाई लक्ष्य के मुकाबले अधिक एरिए में की गई है।
इन दिनों जिले में फसलें लहलहा रही है। मौसम खुला होने पर किसान भी खेतों में खरपतवार हटाने में लगे हुए है। कृषि विभाग की ओर से इस वर्ष जिले में एक लाख 88 हजार हैक्टेयर में बुवाई का लक्ष्य रखा था। जिसकी एवज में एक लाख 87 हैक्टेयर में बुवाई हो चुकी है। जबकि सुवा और अजवाइन की बुवाई अगले हफ्ते से की जाएगी।
कृषि विभाग की ओर से इस वर्ष उड़द बुवाई का लक्ष्य 4 हजार हैक्टेयर में रखा था। लेकिन किसानों ने अब तक साढ़े पांच हजार हैक्टेयर में बुवाई की है। वहीं सोयाबीन की बुवाई एक लाख 30 हजार हैक्टेयर में की गई है। इसी प्रकार मक्का की बुवाई 48 हजार के मुकाबले 49 हजार हैक्टेयर में बुवाई हो चुकी है।

कायम है परम्परागत खेती
प्रतापगढ़.
कांठल में वैसे तो खेती में नवाचार किया जा रहा है।वहीं नई तकनीक इजाद हो रही है।लेकिन पहाड़ी इलाकों में आज भी परम्परागत तरीके से खेती की तकनीक बदस्तुर जारी है। कई किसान आज भी फसल में बैलों से कुलपा चलाकर खरपतवार हटाते है।
बढ़ा है फसलों का रकबा
इस वर्ष जिले में लक्ष्य के मुकाबले शत-प्रतिशत क्षेत्र में बुवाई हो चुकी है। सोयाबीन और मक्का का रकबा अधिक हुआ है।वहीं उड़द की भी बुवाई कुछ हैक्टेयर में बढ़ी है। अभी सुवा और अजवाइन की बुवाई के लिए खेत छोड़ रखे है। ऐसे में अगले हफ्ते से बुवाई की जाएगी।
नानूराम मीणा
उप निदेशक, कृषि विस्तार, प्रतापगढ़
छात्रों ने किया इफको बाजार का भ्रमण
प्रतापगढ़ राजस्थान कृषि महाविद्यालय, उदयपुर सेे कृषि स्नातक के अन्तिम वर्ष के छात्रों ने 45 दिवसीय ग्रामीण कृषि कार्यानुभव प्रशिक्षण के अन्तर्गत शनिवार को नीमच रोड स्थित इफको बाजार का भ्रमण किया।
कृषि विज्ञान केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रभारी डॉ. योगेश कनोजिया ने बताया कि इन छात्रों को वर्तमान समय में किसानों द्वारा कौन-कौन से रसायनों का खेती में प्रयोग किया जा रहा हैं। जिले में कौन से रसायन की मांग ज्यादा हैं। आदि के बोर में बताया गया।
इफको केजिला प्रभारी मुकेश आमेटा ने छात्रों को इफको के कार्य प्रणाली के बारे में जानकारी दी।
बताया कि वर्तमान में जिले में सोयाबीन फसल के खरपतवारनाशियों की ज्यादा मांग चल रही हैं। छात्रों को बताया कि वर्तमान में तरल जैव-उर्वरकों के अच्छे परिणाम के कारण इसकी मांग बढ़ रही हैं। केन्द्र के तकनीकी सहायक रमेशकुमार डामोर ने छात्रों को ज्यादा से ज्यादा प्रायोगिक ज्ञान लेने की बात कही। इफको के लोकेश जोशी ने छात्रों को इफको के कई उत्पादों के बारें में तकनीकी जानकारी दी।
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