इससे पहले ग्रामीण सुबह आठ बजे से ही बांसवाड़ा रोड स्थित जिला चिकित्सालय में पहुंचना शुरू हो गए। यहां मृतक का शव रखा था। विरोध के चलते शनिवार को पोस्टमार्टम नहीं हो सका था। धीरे-धीरे बड़ी संख्या में ग्रामीण बांसवाड़ा राजमार्ग पर एकत्र हो गए।
सूचना पर पहुंचे अतिरिक्त जिला कलक्टर हेमेन्द्र नागर, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रतनलाल भार्गव आदि ने समझाइश कर मामला शांत कराया। अतिरिक्त जिला कलक्टर नागर ने दो दिन में मामले का खुलासा करने और आरोपियों की गिरफ्तारी का आश्वासन दिया।इस दौरान करीब डेढ़ घंटे तक मार्ग जाम रहा।
गौरतलब है कि संचई गांव निवासी समरथ (44) पुत्र बद्रीलाल कुमावत शनिवार को बाइक लेकर जा रहा था। कडिय़ावद गांव में पीछे से एक बाइक पर सवार तीन नकबपोश युवकों ने पिस्तौल से फायर कर समरथ की मौके पर ही धारदार हथियार से गर्दन पर वार कर हत्या कर दी थी।
इसके बाद वे मौके से फरार हो गए। मामले को लेकर ग्रामीणों और परिजनों ने मौके से शव नहीं उठाया था। पुलिस अधिकारियों ने समझाइश कर मामला शांत कराया। शव को जिला चिकित्सालय की मोर्चरी में रखवाया गया था।