scriptRam Mandir: राजस्थान की इस जगह पर माता सीता ने काटा वनवास, लव-कुश जन्मे, जानिए पूरी कहानी | Ram Mandir: Mata Sita spent her vanvas at this place, Luv-Kush were born, know the whole story | Patrika News
प्रतापगढ़

Ram Mandir: राजस्थान की इस जगह पर माता सीता ने काटा वनवास, लव-कुश जन्मे, जानिए पूरी कहानी

राजस्थान के कांठल कहे जाने वाले प्रतापगढ़ के इतिहासकार मदन वैष्णव का कहना है कि धामिर्क मान्यता है कि भगवान श्रीराम के राजतिलक के बाद अग्निपरीक्षा के बावजूद सीता पर अंगुली उठाने पर श्रीराम ने लक्ष्मण से कहा कि उन्हें दूर-दराज के ऐसे गहन जंगल में छोड़ आओ।

प्रतापगढ़Jan 22, 2024 / 12:06 pm

Rakesh Mishra

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राजस्थान के कांठल कहे जाने वाले प्रतापगढ़ के इतिहासकार मदन वैष्णव का कहना है कि धामिर्क मान्यता है कि भगवान श्रीराम के राजतिलक के बाद अग्निपरीक्षा के बावजूद सीता पर अंगुली उठाने पर श्रीराम ने लक्ष्मण से कहा कि उन्हें दूर-दराज के ऐसे गहन जंगल में छोड़ आओ। तब लक्ष्मण उन्हें इस घने पहाड़ी जंगल में छोड़ गए। इस स्थान को सीता डेरी के नाम से जाना जाता है।
वनवास के लिए छोड़े जाते समय माता सीता गर्भवती थी। सीताडेरी से 15 कोस दूर वाल्मीकि ऋषि का आश्रम था। गर्भवती सीता ने यहीं लव-कुश को जन्म दिया। यहां गर्म व ठंडे पानी से भरा लवकुश कुंड व 12 बीघा में फैला बरगद का वह पेड़ भी है, जहां लव-कुश खेलकूद कर बड़े हुए थे। यहां एक शिलालेख में लिखा है कि पौराणिक मान्यता के अनुसार त्रेतायुग में अश्वमेघ यज्ञ के दौरान छोड़ा घोड़ा लवकुश ने यहां बांधा था और रामजी की सेना को परास्त किया।
खास बातें
– रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में घृत अभिषेक, पंचामृत स्नान व पहली आरती जोधपुर की गोशाला की गायों के घी से होगी। इसके लिए बनाड़ स्थित संदीपन राम गोशाला से करीब 600 किलो घी अयोध्या भेजा गया है। इसी घी से मंदिर की अखंड ज्योत भी प्रज्जवलित होगी। इसलिए हर तीन माह में घी भेजा जाएगा।
– बीकानेर- भगवान को भोग अर्पित करने के लिए बीकानेर से 41230 नग रसगुल्ले अयोध्या भेजे गए हैं।
– चित्तौडग़ढ़- श्रीसांवलिया मंदिर मंडल ने बालभोग के लिए 5151 प्रसाद लड्डू अयोध्या भेजे हैं। अयोध्या व सरयू नदी घाट से पवित्र मिट्टी कलश में रखकर यहां लाई गई है।
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– दौसा- मेहंदीपुर बालाजी मंदिर ने अयोध्या में 51 हजार किलो वजन के ढाई लाख लड्डू, 1 लाख राम नाम के दुपट्टे और 7 हजार ऊनी कंबल भेजे हैं। बनावड़ा गांव के कुम्हार परिवारों ने मिट्टी के 10 लाख दीपक भी भेजे हैं।
– अलवर- भगवान के अभिषेक के लिए सवा क्विंटल शहद भेजा गया है। इसे एक रथ में सवार कर अयोध्या भेजा गया है। श्रीअमरनाथ बर्फानी सेवा समिति जानकी रसोई का संचालन कर रही है। इसमें रोज 10 हजार लोग प्रसाद गृहण कर रहे हैं।

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