
Kumbh Mela 2025 Travel Tips
Prayagraj Maha kumbh Mela Guide:महाकुंभ मेला विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजन है। लाखों श्रद्धालु इस पवित्र मेले में भाग लेते हैं। अगर आप भी महाकुंभ मेला 2025 में जाने की योजना बना रहे हैं, तो यह लेख आपकी मदद करेगा। हमने आपकी यात्रा को सुगम और सुरक्षित बनाने के लिए महत्वपूर्ण जानकारी, सुझाव, और टिप्स शामिल किए हैं।
1. पैदल यात्रा की तैयारी करें
महाकुंभ मेला क्षेत्र में आपको 4-6 किलोमीटर तक पैदल चलना पड़ सकता है। यदि आप ट्रेन से आ रहे हैं, तो यह दूरी 10 किलोमीटर तक हो सकती है। इसलिए आरामदायक जूते पहनें और हल्का सामान साथ रखें।
मेला क्षेत्र में ठहरने के लिए केवल तंबू उपलब्ध होते हैं। इन तंबुओं का किराया ₹10,000 प्रति दिन तक हो सकता है, और इनमें विशेष सुविधाएं उपलब्ध नहीं होतीं।
शाही स्नान के दौरान भीड़ का स्तर अत्यधिक बढ़ जाता है। यातायात के रूट अक्सर डायवर्ट किए जाते हैं, जिससे यात्रा और कठिन हो सकती है।
मेला क्षेत्र में ऑटो, ई-रिक्शा, या ओला जैसी सेवाएं उपलब्ध नहीं होतीं। पैदल चलने के लिए तैयार रहें।
केवल उतना ही सामान लाएं, जितना आप खुद आसानी से ले जा सकें। भारी सामान आपकी यात्रा को मुश्किल बना सकता है।
छोटे बच्चों को साथ लाने से बचें, क्योंकि भीड़ और लंबी पैदल यात्रा उनके लिए मुश्किल हो सकती है।
मेले में 10 अलग-अलग टावर हैं, जहां से गुमशुदा व्यक्तियों की घोषणा की जाती है। मुख्य संगम क्षेत्र में टावर नंबर 1 सबसे महत्वपूर्ण है।
मेला क्षेत्र में कई भंडारे लगाए जाते हैं, जहां मुफ्त भोजन उपलब्ध होता है। यहां विभिन्न प्रकार की रेसिपी का आनंद लिया जा सकता है।
अगर आप विशेष गाइड और सुविधाएं चाहते हैं, तो ₹45,000-₹50,000 प्रतिदिन खर्च कर सकते हैं।
तंबू बुकिंग के लिए https://kumbhcamp.org/ वेबसाइट का उपयोग कर सकते हैं। हालांकि, बुकिंग से पहले वेबसाइट की प्रामाणिकता जांच लें।
11. नजदीकी स्टेशन की जानकारी
सबसे नजदीकी स्टेशन प्रयागराज संगम है। शाही स्नान के एक दिन पहले और दो दिन बाद तक यह स्टेशन बंद रहता है। झूंसी और प्रयाग जंक्शन भी नजदीक हैं।
मेला क्षेत्र में कंबल और खाने-पीने का सामान दोगुनी कीमत पर मिलता है। पहले से अपनी आवश्यकताएं पूरी कर लें।
वाराणसी की ओर से आने वाले यात्रियों को झूंसी पर रोका जाता है। यहां से 6 किलोमीटर पैदल चलना पड़ सकता है। कुछ ऑटो अधिक पैसे लेकर चोरी-छिपे चलते हैं।
अपने ग्रुप के लिए विशेष पहचान चिन्ह जैसे एक रंग की टोपी, झंडा या अन्य कोई संकेत रखें।
नागा साधु और संत सुबह 5:30 से 7 बजे तक स्नान करते हैं। इसके बाद भीड़ अत्यधिक बढ़ जाती है।
यदि आप रास्ता भटक जाते हैं या कोई समस्या होती है, तो पुलिस से तुरंत संपर्क करें।
ठंड और मौसम से बचाव
संगम क्षेत्र में मौसम और पानी दोनों बहुत ठंडे होते हैं। रात के लिए गर्म कपड़े और कंबल अवश्य लाएं।
3 फरवरी से 11 फरवरी के बीच मेले का समय सबसे अच्छा है। इस दौरान भीड़ कम होती है।
मेले में लॉकर और क्लॉक रूम की सुविधा नहीं होती।
कोई भी ऐसा व्यक्ति जो कहे कि वह आपको संगम तक ड्रॉप करेगा, वह झूठ बोल सकता है।
संगम स्नान और अन्य सुझाव
ऐसे कपड़े और जूते पहनें, जिनमें आप लंबे समय तक पैदल चलने में आराम महसूस करें।
सिर्फ गोल घेरे वाले मुख्य क्षेत्र में स्नान करें। यहां गंगा, यमुना और पौराणिक सरस्वती नदी का संगम होता है।
महाकुंभ मेला 2025 में यात्रा करने से पहले पूरी योजना बनाएं। ऊपर दिए गए सुझाव और जानकारी आपकी यात्रा को सुखद और सुरक्षित बनाने में मदद करेंगे। श्रद्धा और विश्वास के साथ इस धार्मिक आयोजन का हिस्सा बनें, लेकिन सावधानी और सतर्कता को न भूलें।
Published on:
16 Jan 2025 08:58 am
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