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इलाहाबाद में मुसलमानों ने कुंभ के लिये खुद ही तोड़ दी मस्जिद, कही ये बड़ी बात

कुंभ के लिये बन रही सड़क के बीच में आ रही थी मस्जिद, प्रशासन से पहले मुसलमानों ने ही खुद ढहा दिया बड़ा हिस्सा, कहा कुंभ के लिये हमारा छोटा सा सहयोग है।

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Muslims Demolished Masjid for Kumbh

मुसलमानों ने कुंभ के लिये गिरा दी मस्जिद

इलाहाबाद. तेजी में तेजी से फैल रहे साम्प्रदायिक जहर बीच एक खबर है जो कुछ उम्मीद बंधाती है। मंदिर और मस्जिद के नाम पर लड़ते लोगोंं को आईना भी दिखा रही है। खबर इलाहाबाद से है जहां मुस्लिमों ने एक ऐसा काम किया है जिसे साम्प्रदायिक सौहार्द्र की मिसाल कहा जा सकता है। यहां कुंभ के लिये चल रहे निर्माण कार्य के लिये गंगा-जमुनी तहजीब का प्रदर्शन करते हुए मुस्लिमों ने मस्जिद का बड़ा हिस्सा गिरा दिया। ये मस्जिद कुंभ के लिये चौड़ी करायी जा रही सड़क के रास्ते में आ रही थी। सड़क चौड़ीकरण के लिये एडीए ने जहां तक निशान लगाया था उतनी दूर में मस्जिद का एक हिस्सा आ रहा था। इसक बाद मस्जिद के मुतवल्ली और दूसरे लोगों ने खुद ही मस्जिद का उतरा हिस्सा खुद तोड़ कर गिरा दिया। मस्जिद के मुतवल्ली ने कहा है कि हम दुनिया के इस बड़े धार्मिक आयोजन में इसे अपना छोटा सा सहयोग मानते हैंं।


शहर में चल रहे विकास कार्यों के मद्देनजर सड़कों का चौड़ीकरण तेजी से किया जा रहा है। शहर से जुड़ने वाले सभी मुख्य मार्गो से जोड़ने की कवायद तेजी से चल रही है।ऐसे में तमाम रिहायशी इलाकों के साथ कई धार्मिक स्थल भी इस विकास कार्य की जद में है जिनमें कई मंदिर मस्जिद भी शामिल है। देशभर में जहां अयोध्या में बाबरी मस्जिद और मन्दिर की कानूनी जंग और सियासत तेज़ी बढ़ रही है,ऐसे में शहर के राजपुर इलाके में कुंभ के लिए हो रहे चौड़ी करण के लिए मस्जिद के मुख्य हिस्से को मुतवल्ली इरशाद हुसैन के नेतृत्व में खुद तोड दिया गया।


मस्जिद के मुतवल्ली इरशाद हुसैन ने बताया कि सड़क चौड़ीकरण के लिये इलाहाबाद विकास प्राधिकरण ने सड़क के किनारे निशान लगाया था। इस निशान के दायरे में मस्जिद का हिस्सा भी आ रहा था। इसके बाद हमने लोगों से राय मश्विरा किया और सामाजिक सौहार्द्र को ध्यान में रखते हुए फैसला लिया गया कि हम एडीए का सहयोग करेंगे। मस्जिद का जितना हिस्सा सड़क के दायरे में आ रहा है उसे तोड़ दिया जाएगा। इसके बाद हमने ये कदम उठाया और वह हिस्सा खुद ही तोड़ डाला।


मुतवल्ली इरशाद ने एक और अच्छी बात कही, उन्होंने कहा कि मस्जिद को अगर एडीए तोड़ता तो समाज में ऐसे लोग और सियासतदां हैं जो इसका लाभ लेने के लिये सामने आते और इसे बेवजह मुद्दा बना सकते थे। हम और हमारे समाज के लोग ऐसा बिल्कुल नहीं चाहते हैं। कहा कि मस्जिद में नमाज पढ़ने की पूरी जगह है। सड़क के रास्ते में मुख्य हिस्सा आ रहा था, सो उसे तोड़ दिया गया। हम दुनिया के इस बड़े धार्मिक आयोजन में इसे अपना छोटा सा सहयोग मानते हैं।


मस्जिद के मुतवल्ली इरशाद हुसैन ने बताया कि सड़क चौड़ीकरण के लिए एडीए ने मस्जिद में निशान लगाया था। जिसके के बाद लोगों से राय मशवरा करके सामाजिक सौहार्द को ध्यान में रखते हुए, यह निर्णय लिया गया कि, एडीए के सहयोग के लिए मस्जिद का जितना हिस्सा सड़क के दायरे में आ रहा है।उसे खुद तोड़ दिया जाए। मुक्तवली ने कहा कि अगर एडीए इसे तोड़ता तो समाज के बहुत से राजनीतिक लाभ लेने वाले लोग इसको मुद्दा बना सकते थे। जो हम या हमारे समाज के लोग नहीं चाहते। मस्जिद में नमाज पढ़ने की पूरी जगह है। मुख्य हिस्सा जो सड़क की तरफ था।उसे तोड़ दिया गया है, हम इसे दुनियाभर के सबसे बड़े धार्मिक आयोजन में अपना छोटा सा सहयोग मानते है।
by prasoon pandey