Raebareli Crime: रायबरेली नगर पालिका परिषद में पूर्व कंप्यूटर ऑपरेटर विक्रम शर्मा और उसके भाई जसवंत शर्मा ने स्वच्छ भारत मिशन की ₹3.17 करोड़ की राशि में धोखाधड़ी की। फर्जी कंपनियों के नाम पर धन निजी खातों में ट्रांसफर किया गया। पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर पूरी राशि बरामद कर ली है।
Raebareli UP Crime: रायबरेली नगर पालिका परिषद में सरकारी योजनाओं की पारदर्शिता पर एक बार फिर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत केंद्र सरकार द्वारा भेजी गई ₹3.17 करोड़ की धनराशि के गबन के मामले में पुलिस ने नगर पालिका परिषद के पूर्व कंप्यूटर ऑपरेटर विक्रम शर्मा और उसके भाई जसवंत शर्मा को गिरफ्तार कर लिया है। यह धोखाधड़ी फर्जी कंपनियों के नाम पर फर्जी खातों में धनराशि स्थानांतरित कर की गई थी।
शुरुआत में नगर पालिका प्रशासन को कुछ लेनदेन संदिग्ध लगे। इसके बाद आंतरिक जांच शुरू की गई जिसमें यह स्पष्ट हुआ कि नगर पालिका के कंप्यूटर ऑपरेटर के रूप में कार्यरत विक्रम शर्मा ने वरिष्ठ अधिकारियों के डिजिटल हस्ताक्षर चोरी कर नगर पालिका के खाते से ₹3.17 करोड़ की राशि तीन अलग-अलग खातों में ट्रांसफर की है।
इन दोनों संस्थाओं का न तो नगर पालिका से कोई ठेका था और न ही कोई वैधानिक अनुबंध। जांच में सामने आया कि सभी दस्तावेज फर्जी थे और सारा लेनदेन अवैध तरीके से किया गया था।
नगर पालिका अधिशासी अधिकारी स्वर्ण सिंह ने 25 अक्टूबर 2023 को कोतवाली पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज कराई। प्राथमिकी के आधार पर पुलिस ने विक्रम और उसके भाई जसवंत के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की गंभीर धाराओं में मामला दर्ज किया। रायबरेली के अपर पुलिस अधीक्षक संजीव कुमार सिन्हा ने बताया कि डिजिटल ट्रांजेक्शन और बैंकिंग रिकॉर्ड के आधार पर तेजी से जांच की गई और दोनों अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया गया।
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धोखाधड़ी के इस मामले में सबसे महत्वपूर्ण उपलब्धि यह रही कि पुलिस ने बैंक अधिकारियों के सहयोग से ₹3.17 करोड़ की पूरी धनराशि को ट्रैक कर वापस नगर पालिका के खातों में जमा करा दिया। इससे पहले कि धन की हेरा-फेरी करके यह राशि आगे ट्रांसफर की जाती, पुलिस ने तकनीकी टीम के माध्यम से त्वरित कार्रवाई करते हुए इसे रोक दिया।
जांच के दौरान यह तथ्य भी सामने आया कि विक्रम शर्मा पूर्व में डेटा चोरी और साइबर अपराधों में लिप्त रहा है। पहले भी वह एक मामले में जेल जा चुका है और जमानत पर छूटने के बाद उसने फिर से इस तरह की साजिश रची। इस बार उसने अपने भाई को भी इसमें शामिल कर लिया।
इस मामले के सामने आने के बाद नगर प्रशासन में हड़कंप मच गया है। राज्य सरकार ने नगर विकास विभाग से पूरे मामले की विस्तृत रिपोर्ट तलब की है और दोषी कर्मचारियों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।
जहां इस तरह की धोखाधड़ी सरकारी योजनाओं की छवि को धूमिल करती हैं, वहीं रायबरेली प्रशासन की तत्परता और पुलिस विभाग की दक्षता की सराहना की जा रही है। कुछ ही दिनों में न केवल अपराधी गिरफ्तार किए गए, बल्कि पूरी धनराशि भी सुरक्षित वापस लाई गई।
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