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रायबरेली और अमेठी में टूट रहा कांग्रेस का अभेद्य किला? जानें राहुल-स्‍मृति की सीट का पूरा गणित

Rae Bareli and Amethi Seat Voting: लोकसभा चुनाव के पांचवें चरण में देश की 49 सीटों पर सोमवार को मतदान हो रहा है। इसमें यूपी की 14 लोकसभा सीटें भी शामिल हैं। इन सबके बीच पूरे देश की निगाहें यूपी की रायबरेली और अमेटी लोकसभा सीटों पर हैं। आइए जानते हैं यहां के चुनावी समीकरण क्या कहते हैं?

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Rae Bareli and Amethi Seat Voting: रायबरेली और अमेठी में टूट रहा कांग्रेस का अभेद्य किला? जानें राहुल-स्‍मृति की सीट का पूरा गणित

Rae Bareli and Amethi Seat Voting: लोकसभा चुनाव के पांचवें चरण में छह राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों की 49 सीट पर वोटिंग हो रही है। इसमें महाराष्ट्र की 13, उत्तर प्रदेश की 14, पश्चिम बंगाल की सात, बिहार की पांच, झारखंड की तीन, ओडिशा की पांच, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख की एक-एक सीट पर मतदान हो रहा है। इसमें यूपी की सबसे हॉट दो सीटें रायबरेली और अमेठी ऐसी हैं। जिनपर पूरे देश की निगाहें टिकी हैं। अमेठी सीट पर साल 2019 में 54.05 प्रतिशत मतदान हुआ था। जबकि रायबरेली लोकसभा सीट पर साल 2019 में 56.31 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था। इस बार इन दोनों सीटों पर मुकाबला कड़ा और रोचक है।

स्‍मृति ईरानी अमेठी से फिर चुनावी मैदान में ठोक रहीं ताल

यूपी की अमेठी लोकसभा सीट से एक बार फिर भाजपा की स्‍मृति ईरानी चुनावी मैदान में हैं। जो इस बार भी रिकॉर्ड जीत का दावा कर रही हैं। साल 2019 में स्‍मृति ईरानी ने इस सीट पर कांग्रेस के पूर्व अध्‍यक्ष राहुल गांधी को हराया था। वहीं इस बार कांग्रेस ने अमेठी से स्‍मृति ईरानी के सामने राहुल गांधी को न उतारकर गांधी परिवार के करीबी किशोरी लाल शर्मा को टिकट दिया है। किशोरी लाल शर्मा का पिछले 40 सालों यानी साल 1983 से अमेठी की जनता से जुड़ाव रहा है। वह राजीव गांधी, सोनिया गांधी, कैप्टन सतीश शर्मा और राहुल गांधी के प्रतिनिधि के तौर पर अमेठी में अपनी सेवाएं दे चुके हैं।

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रायबरेली और अमेठी का ये है ताजा वोटिंग प्रतिशत

लोकसभा चुनाव के पांचवें चरण में उत्तर प्रदेश में 14 सीट पर सोमवार को 3 बजे तक 47.6 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया। निर्वाचन आयोग के अनुसार 3 बजे तक अमेठी में 45.13.20 प्रतिशत, बांदा में 48..08 प्रतिशत, बाराबंकी में 55.35 प्रतिशत, फैजाबाद में 48.66 प्रतिशत, फतेहपुर में 47.25.54 प्रतिशत, गोंडा में 43.23 प्रतिशत, हमीरपुर में 48.87 प्रतिशत, जालौन में 46.22 प्रतिशत, झांसी में 52.52 प्रतिशत, कैसरगंज में 46.01 प्रतिशत, कौशांबी में 43.01 प्रतिशत, लखनऊ में 41.90 प्रतिशत, मोहनलालगंज में 51.08 प्रतिशत और रायबरेली में 47.83 प्रतिशत मतदान हुआ।

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क्या टूट रहा कांग्रेस का अभेद्य किला रायबरेली?

यूपी की रायबरेली लोकसभा सीट नेहरू-गांधी परिवार का गढ़ मानी जाती है। वहीं राहुल गांधी इस बार केरल की वायनाड लोकसभा सीट के साथ-साथ रायबरेली लोकसभा सीट से भी चुनाव लड़ रहे हैं। रायबरेली लोकसभा सीट पर कांग्रेस के वर्चस्व का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि आजादी के बाद से केवल तीन बार साल 1977, 1996 और 1998 में ही कांग्रेस रायबरेली लोकसभा सीट हारी है। साल 2004 से लगातार चार बार सोनिया गांधी ने रायबरेली का प्रतिनिधित्व किया। हालांकि अब उन्होंने अपने बेटे राहुल गांधी को यहां की कमान सौंपी है। भाजपा ने यहां राहुल गांधी के खिलाफ दिनेश प्रताप सिंह को चुनावी मैदान में उतारा है।

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शुरुआती रुझान में गांधी परिवार भाजपा पर हावी

रायबरेली और अमेठी लोकसभा क्षेत्र में प्रियंका गांधी ने जोरदार प्रचार अभियान चलाया। अमेठी में गांधी परिवार के सहयोगी किशोरीलाल शर्मा भाजपा की कद्दावर मंत्री स्मृति ईरानी का मुकाबला कर रहे हैं। इस चुनाव में राम मंदिर, मोदी का नाम, सरकार की मुफ्त राशन योजना, गरीबों के लिए पक्के मकान, आवारा पशुओं की उचित व्यवस्‍था भाजपा की ओर से चुनाव का विषय बनाया गया है।

वहीं दूसरी ओर कांग्रेस ने भाजपा के सत्ता में आने पर संविधान बदलने का आरोप लगाकर इसे चुनावी चर्चा का विषय बना दिया है। राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो भाजपा के तमाम बुनियादी मुद्दों के बावजूद अमेठी और रायबरेली लोकसभा सीट पर कांग्रेस हावी नजर आ रही है। हालांकि यहां किसका पलड़ा भारी रहेगा। यह तो चार जून को चुनाव परिणाम आने के बाद ही पता चलेगा।