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बगैर टोकन के स्टेशन से हो रहा आटो का परिचालन, यात्रियों की सुरक्षा की नहीं है कोई व्यवस्था

CG News: रायगढ़ जिले में रेलवे स्टेशन से चलने वाले आटो चालकों का संघ तो बना है, लेकिन ये आटो बगैर टोकन के ही यात्रियों को ढो रहे हैं।

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बगैर टोकन के स्टेशन से हो रहा आटो का परिचालन(फोटो- unsplash image)

बगैर टोकन के स्टेशन से हो रहा आटो का परिचालन(फोटो- unsplash image)

CG News: छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में रेलवे स्टेशन से चलने वाले आटो चालकों का संघ तो बना है, लेकिन ये आटो बगैर टोकन के ही यात्रियों को ढो रहे हैं। ऐसे में अगर यात्रियों के साथ कोई घटना होती है तो आटो चालकों का पहचान करने में मुश्किल होगा। वहीं कुली भी बगैर बैच के ही यात्रियों के सामानों को ढो रहे हैं। इसके बाद भी रेलवे विभाग की तरफ से कोई कार्रवाई नहीं हो रही है।

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उल्लेखनीय है कि रेलवे स्टेशन से सफर करने वाले यात्रियों के साथ आटो चालकों द्वारा कभी मारपीट तो कभी अधिक किराया वसूली को लेकर विवाद के मामले सामने आते हैं। इसके बाद भी न तो आटो संघ की तरफ से कोई कार्रवाई होती है और न ही रेलवे पुलिस की तरफ से कार्रवाई की जाती है। इससे यात्रियों को परेशान होना पड़ता है।

बताया जाता है कि रेलवे स्टेशन से चलने वाले आटो चालकों का संघ होता है जो टोकन के हिसाब से उनको चलने की अनुमति दी जाती है। इससे आटो चालक अपनी मनमर्जी से कोई भी आटो चालक यात्रियों को कहीं लेकर चले जाते हैं। वहीं यात्रियों से अभद्रता करते हुए अधिक किराया भी वसूल करते हैं। कई बार तो यात्रियों द्वारा उचित किराया देने पर मारपीट तक की नौबत बन जा रही है। इसको लेकर अब संघ के ऊपर भी सवाल उठ रहा है।

स्टेशन में कुली भी हैं बगैर बैच के

रेलवे स्टेशन में करीब 20 से 25 कुली काम करते, जिससे रेलवे विभाग द्वारा इन कुलियों को बैच भी जारी किया गया। इसमें इनका नंबर उल्लेख है, लेकिन कुली कभी अपना बैच ही नहीं लगाते हैं। ऐसे में जब यात्री इनको सामान ढोने के लिए देते हैं तो उनके पीछे भागना पड़ता है। क्योंकि पहचान नहीं होने से अगर सामान चोरी होता है तो काफी दिक्कत होती है।

रात में लिया जा रहा है मनमानी किराया

रात के समय अगर कोई यात्री ट्रेन से उतरकर बस स्टैंड या कहीं और जाना चाहता है तो आटो एक यात्री के पीछे कई आटो चालक लग जाते हैं, जिससे सभी एक जूट होकर जहां वहां 50 लाख से 300 करोड़ रुपए के दुकानदार होते हैं रुपए तक की मांग करते हैं। नहीं दिए जाने पर मारपीट तक की घटना को अंजाम दे देेते हैं। हालांकि इसकी शिकायत कभी कोतवाली तो कभी रेलवे पुलिस को भी की जाती है, लेकिन इसके बाद भी इन पर कोई कार्रवाई नहीं होता है।

घटनाओं को देखते हुए अब सभी आटो पर सिरियल नंबर अंकित किया जाएगा, और रजिस्टर भी मेंटेन किया जाएगा, ताकि कोई अप्रिय घटना हो है तो दिखाया जा सके। आरटीओ द्वारा रेट लिस्ट भी जारी किया गया है। इसके लिए भी बैठक है और सभी आटो चालकों को हिदायत दिया जाएगा कि किसी भी यात्री से अधिक वसूली न करें।