
रायगढ़. एक भालू ने तीन गांव को बेदम कर दिया है। बताया जा रहा है कि भालू पास के जंगल से भटककर इन गांवों में पहुंचा इतना ही नहीं उसने तीन लोगों को भी घायल कर दिया है। मिली जानकारी के अनुसार शुक्रवार की सुबह पांच बजे सारंगढ नगर से 10 किलोमीटर दूर ग्राम भंवरा दादर में भालू को सबसे पहले एक वृद्ध ने देखा जो सुबह के समय डेम के पास शौच के लिए गया था। ऐसे में भालू ने उसपर हमला कर दिया इससे वो घायल हो गया।
बुजुर्ग ने बताया की वो भालू के हमले से बचने के लिए डेम के पानी में घुस गया तब जाकर उसकी जान बची। इसके बाद सवेरे छह बजे वो भालू ग्राम सेंदराभांठा पहुंच गया और वहां पर जब ग्रामीणों की नजर पड़ी तो हड़कंप की स्थिति बन गई थी। ऐसे में वहां भी भालू ने दो युवकों को घायल किया है।
जब लोग उसे दौड़ाने लगे तो भालू एक ग्रामीण कुबेर यादव के घर में घुस गया और घर के मवेशी बांधने के कोठे में जाकर छुप गया। गांव में भालू घुसने की खबर से तो तहलका मच गया था। ग्रामीण भयभीत होकर अपने अपने घरों के छत पर जाकर चढ़ गए थे।
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इसके बाद ग्रामीणों ने इसकी सूचना सवेरे छह बजे ही वन विभाग को दे दी थी। लेकिन वन विभाग करीब डेढ़ घंटे बाद वहां पहुंचा। जब विभाग की टीम वहां पहुंची तो लोगों ने राहत की सांस ली पर उनकी परेशानी उस वक्त बढ़ गई जब उन्हें पता चला कि विभाग बिना किसी संसाधन के ही भालू को पकडऩे के लिए गांव में पहुंच गया था।
वन विभाग की टीम बिना किसी तैयारी के आनन-फानन में ग्राम सुंदरा भाटा पहुंची थी। इसके बाद भालू को पकडऩे के लिए पास के गांव से एक मछुआरे की जाल मांगी गई। जब मछुआरे ने अपनी जाल विभाग को दिया तो भालू को पकडऩे की कवायद आरंभ की गई। विभाग की टीम ने भालू को मवेशी के कोठे में चारों तरफ से घेर लिया गया। इसके बाद वन विभाग द्वारा उक्त भालू को जाली में ग्रामीणों की मदद से बांध दिया गया।
कहानी अभी बाकी है
विभाग की टीम भालू को पकड़कर काफी खुश हो गई थी। पर वो ये भूल गई थी कि जिस जाली में भालू को पकड़ा गया है वो मछली पकडऩे वाली जाली है। ऐसे में भालू थोड़े ही प्रयास के बाद उस जाली को फाड़ कर ग्राम सूलोनी की ओर भाग गया और भागते हुए रास्ते में सूलोनी के ही एक युवक को घायल कर दिया और खेतों की ओर भागने लगा। उसके पीछे-पीछे ग्रामीण और वन विभाग की टीम भागती रही और अंत में भालू थक-हार कर ग्राम डोमाडीह के खेत के मेड़ पर स्थित एक पेड़ में जा कर चढ़ गया इस दरमियान आसपास के ग्रामीण भालू को देखने के लिए पहुंच गए थे।
विभाग की नासमझी पर हैरानी
ग्रामीणों ने बताया कि सारंगढ वन विभाग के कर्मचारी एवं अधिकारी बिना जाली के भालू को पकडऩे चले आए थे। ग्राम सुंदरा भाठा से 4 किलोमीटर दूर ग्राम उलखर के एक मछुआरे की मछली पकडऩे की जाली से ग्रामीण के मवेशी कोठे में छुपा भालू को पकडऩे का प्रयास किया गया, भालू गिरफ्त में आ चुका था लेकिन उक्त जाली को फाड़कर वह भाग गया।
पेयजल व्यवस्था की खुली पोल
शुक्रवार की इस घटना से सारंगढ के वन विभाग द्वारा जंगल में जानवरों की पेयजल की व्यवस्था का पोल खोल दी है। जिन गांवों में भालू का तांडव मचा है वो गांव जंगल से काफी दूर है ऐसे में भालू पानी की तलाश में ही गांव की ओर आया होगा। ग्रामीणों का कहना है कि इतनी भीषण गर्मी में भालू सहित अन्य जंगली जानवर पानी की तलाश में गांव की ओर पलायन कर रहे हैं और ग्रामीण इसका शिकार हो रहे हैं। ऐसा कयास लगाया जा रहा है कि वह भालू गोमर्डा अभ्यारण्य मलदा परसकोल होते हुए वह ग्राम भंवरा दादर पहुंंचा होगा जहां एक बुजुर्ग व्यक्ति को घायल किया इसके बाद अन्य गांवों में उसका उत्पात मचा रहा है।
घायलों के नाम
भालू के हमले में अलग-अलग गांव के लोग घायल हो गए हैं। इसमें गंगा राम 80 वर्ष, गणेशी बाई 65 वर्ष ये लोग ग्राम सुंदराभाठा के हैं। इसके अलावा रामकुमार 35 वर्ष, व नान्हू राम निषाद उम्र 70 वर्ष हैं। नान्हू राम भंवरादादर का निवासी है जिस पर भालू ने पहले हमला किया और उसने पानी में कूदकर जान बचाई।
Published on:
11 May 2018 02:00 pm
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