
RPF कांस्टेबल की हत्या में बड़ा खुलासा! आरोपी निकला 'हिंसक इतिहास(photo-patrika)
Raigarh constable Murder Case: छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले के रेलवे मंडल में हुए गोलीकांड मामले में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। जिस RPF आरक्षक ने अपने ही साथी हेड कांस्टेबल पी.के. मिश्रा की गोली मारकर हत्या की, उसका हिंसक इतिहास पहले से रहा है।
आरोपी आरक्षक कुमार सिंह लादेर ने कुछ समय पहले बिलासपुर में एक RPF इंस्पेक्टर पर तलवार लेकर हमला किया था। इस घटना के बाद उसे सेवा से बर्खास्त कर दिया गया था, लेकिन बाद में उसने अपील कर दोबारा जॉइनिंग ले ली। अब वही आरक्षक एक बार फिर भयावह वारदात को अंजाम देते हुए अपने साथी की जान ले बैठा है।
घटना 3 दिसंबर की सुबह की है। रायगढ़ में तैनात आरक्षक कुमार सिंह लादेर ने अपने मित्र और साथी आरक्षक पी.के. मिश्रा (रीवा, मध्यप्रदेश निवासी) पर अचानक गोली चला दी। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार दोनों के बीच संविधान को लेकर बहस हुई थी, जिसके बाद आरोपी ने कांच के बाहर से 4 राउंड फायरिंग कर दी। गोली लगते ही आरक्षक मिश्रा की मौके पर मौत हो गई।
इस सनसनीखेज घटना का CCTV फुटेज भी सामने आया है, जिसमें आरोपी आरक्षक हर फायरिंग के बाद गोल-गोल घूमकर चारों ओर देखता नजर आता है। फायरिंग के समय वहां मौजूद कई लोग डर की वजह से भाग गए और किसी ने आरोपी को रोकने की कोशिश नहीं की। उसके पास पिस्तौल में 10 राउंड गोलियां थीं, ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि यदि कोई रोकने की कोशिश करता तो वह उस पर भी गोली चला देता।
हत्या के बाद आरोपी ने एक कबूलनामा भी लिखा, जिसमें उसने साफ लिखा- “मैंने अपने परमित्र को गोली मार दी।” हत्या करने के बाद भी वह थाने में ऐसे घूमता रहा, मानो कुछ हुआ ही न हो। उसके इस खतरनाक व्यवहार को देखकर उसके मानसिक असंतुलन की आशंका मजबूत होती है। बिलासपुर वाले हमले में जिस इंस्पेक्टर पर उसने तलवार लेकर हमला किया था, वह फिलहाल रायपुर रेलवे मंडल में पदस्थ है।
पुलिस अब आरोपी के मानसिक स्थिति, पूर्व रिकॉर्ड और हत्या की वजह को गहराई से जांच रही है। यह घटना रेलवे सुरक्षा बल की कार्यसंस्कृति और तैनाती प्रक्रिया पर भी सवाल खड़े करती है कि गंभीर हमले के बाद भी आरोपी को दोबारा ड्यूटी कैसे मिल गई।
आरपीएफ जवानों द्वारा पीके मिश्रा के मृत देह को उनके गृहग्राम मध्यप्रदेश के रीवा जिला अंतर्गत ग्राम महाजन के टोला ले जाया गया। जहां पहले से आरपीएफ जवान पहुंचे हुए थे और उनके शव पर तिरंगा चढ़ाते हुए सलामी देकर अंतिम विदाई दी गई। गुरुवार को जब पीके मिश्रा का मृत देह उनके गृहग्राम पहुंचा तो पूरे गांव में मातम पसर गया था।
Updated on:
05 Dec 2025 02:59 pm
Published on:
05 Dec 2025 02:58 pm
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