21 दिसंबर 2025,

रविवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

RTE के तहत मिले आवेदनों के लिए लॉटरी! 1645 विद्यार्थी का किया चयन, अब प्रवेश की प्रक्रिया होगी शुरू..

RTE Admission 2025: रायगढ़ जिले में शिक्षा के अधिकार कानून (आरटीई) के प्रथम चरण में मिले आवेदनों का सत्यापन कराने के बाद सोमवार को लाटरी कराई गई।

2 min read
Google source verification
पंजीयन का आज अंतिम दिन (Photo source- Patrika)

पंजीयन का आज अंतिम दिन (Photo source- Patrika)

RTE Admission 2025: छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में शिक्षा के अधिकार कानून (आरटीई) के प्रथम चरण में मिले आवेदनों का सत्यापन कराने के बाद सोमवार को लाटरी कराई गई। प्रथम चरण में मिले आवेदनों में से 645 बच्चों का चयन किया गया है। वहीं अब इसके बाद दूसरे चरण की प्रक्रिया की जाएगी, ताकि ग्रीष्म कालीन अवकाश समाप्त होने के बाद बच्चों के अध्यापन का कार्य भी शुरू हो सके।

यह भी पढ़ें: RTE Admission 2025: निजी स्कूलों में नि:शुल्क प्रवेश के लिए आवेदन आज, इस वेबसाइट में देखें Details..

RTE Admission 2025: आरक्षित 3472 सीट के लिए आए 2302 आवेदन

विदित हो कि आरटीई के पोर्टल पर आवेदन की प्रक्रिया 1 मार्च से शुरू हो चुकी है। 30 मार्च तक आवेदन लेने के बाद 1 से 2 मई तक लॉटरी की प्रक्रिया शुरू हो गई थी, लेकिन लॉटरी की प्रक्रिया में देरी होने के कारण सोमवार और मंगलवार को लॉटरी की प्रक्रिया शुरू हो गई। जिन स्कूलों में सीट संख्या से अधिक आवेदन आए हुए थे वहां लॉटरी किया गया और जिन स्कूलों में सीट संख्या से कम आवेदन थे।

वहां पात्र आवेदकों को सत्यापन के बाद चयनित किया गया है। कुल मिलकार देखा जाए तो जिले के प्राइवेट स्कलों में RTE के तहत 232 सीट के लिए आवेदन मांगा गया था जिसमें 3472 आवेदन आए थे। उक्त आवेदनों का सत्यापन करने के बाद अब तक की स्थिति में 1645 बच्चों का चयन किया गया है। उक्त आवेदनों में से शेष पात्र आवेदन दूसरे चरण में शामिल हों जाएंगे। उल्लेखीनय है कि पिछले कुछ वर्षों की तरह इस बार भी मनमानी चल रही थी। स्कूल प्रबंधन पोर्टल में पंजीयन नहीं कराए थे।

अब दूसरे चरण में शेष बच्चों का चयन होगा

ऐसे में शिक्षा विभाग सख्त हुई और आरटीई के पोर्टल में पंजीयन न कराने वाले स्कूल प्रबंधन को नोटिस जारी किया गया। नोटिस जारी किए जाने वालों में जिला मुख्यालय के स्कूल तो शामिल थे ही वहीं जिले के अलग अलग विकासखंड में संचालित स्कूल प्रबंधन थे।

इसके पीछे कारण यह भी सामने आया था कि प्रायवेट स्कूल पिछले कुछ वर्षों से आरटीई से बचने के प्रयास में थे। इसकी वजह से पंजीयन में जानबूझकर देरी की जाती है ताकि संबंधित स्कूलों में कम से कम आवेदन आए और प्रवेश न देना पड़े, लेकिन इस बार पूरी सख्ती की गई।