राम वन गमन पथ भी मौजूद
वनवास काल में भगवान राम का छत्तीसगढ़ में आगमन पूर्व में प्रमाणित हो चुका है। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा जहां-जहां राम का आगमन हुआ वहां-वहां राम वन गमन पथ निर्धारित किया गया है, इसमें किंधा गांव भी है।
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पहाड़ियों से घिरा गांव है हनुमानजी का जन्मस्थल
रायगढ़ जिला मुख्यालय से करीब 140 किलोमीटर दूर बसे इस गांव के दोनों ओर पहाड़ हैं। गांव के बुजुर्ग घासीराम राठिया बताते हैं, गांव से करीब 50 मीटर दूरी पर स्थित पहाड़ किष्किंधा है। यहां सुग्रीव व राम की मित्रता हुई थी। इसी किष्किंधा में हनुमानजी का जन्म हुआ। सीता हरण के समय जो जेवर सीताजी ने नीचे फेंके थे, वह भी वहीं मिले थे। दावा है कि राम, सुग्रीव और हनुमान का मिलन किंधा गांव में ही हुआ था। यहीं से रावण की लंका में चढ़ाई करने की कार्य योजना भी तैयार हुई।
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छत्तीसगढ़ राम वनगमन पथ कार्यक्रम रायपुर के प्रभारी विकास तिवारी ने कहा, इस संबंध में वहां बिखरे प्रमाणों को आधार बनाकर हम यह दावा कर सकते हैं। मुख्यमंत्री से बात करके छत्तीसगढ़ हनुमानजी के जन्मस्थल को लेकर अपना दावा पेश कर सकता है। इस स्थल को यहां इसी के अनुरूप विकसित करने के लिए भी बात करेंगे।