
Election 2023: छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के नतीजे विगत सत्तारूढ़ पार्टी के विरुद्ध आने के बाद बनने जा रही भावी सरकार से कर्मचारी अधिकारियों की उम्मीदें काफी बढ़ गई है। प्रदेश के कर्मचारियों अधिकारियों का मानना है कि,जो भी सरकार शासकीय कर्मचारियों अधिकारियों से वादा खिलाफी करती है,और शासकीय कर्मचारियों की उपेक्षा करती है उस सरकार को इसका खामियाजा भुगतना पड़ा है जिसका प्रत्यक्ष उदाहरण विधानसभा निर्वाचन 2023 है।
कर्मचारियों के आंदोलन को बल व छल पूर्वक कुचलना, समय-समय पर केंद्र के समान महंगाई भत्ता के लिए तरसाना, लाखों का लंबित डीए एरियर्स खा जाना, संविदा कर्मचारियों, अनियमित कर्मचारी का नियमितीकरण, स्वास्थ्य कर्मचारियों की सेवा समाप्ति, सातवें वेतनमान की अंतिम किश्त जारी न करना, कर्मचारियों अधिकारियों की मांगों की लगातार अनदेखी जैसे अव्यवहारिक व अदूरदर्शी निर्णयों ने सरकार को इस बार भी बदलने में अपनी महती भूमिका अदा की है।
कर्मचारी संगठनों ने पूरे 5 वर्ष तक सत्तारूढ़ रही सरकार को उनके घोषणा पत्र में किए गए वायदों को पूरे करने की गुहार लगाती रही। विगत सरकार द्वारा चुनावी घोषणा पत्र के वायदे अनुसार दैनिक वेतन भोगी व संविदा कर्मचारियों का नियमितीकरण, मध्यान्ह भोजन कर्मचारी, सफाई कर्मचारी, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिकाओं की मांगों का निराकरण,प्राचार्य व व्याख्याताओं सहित विभिन्न पदों पर वर्षों से लंबित पदोन्नति सहित लगभग सभी मांगो पर विगत सरकार का रवैया लगातार दमनात्मक उदासीन व नकारात्मक रहा है। ऐसे में अब प्रदेश में बनने जा रही नयी भावी सरकार से उम्मीदें बढ़ गई है।
Published on:
05 Dec 2023 04:15 pm
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