CG Cabinet Decisions: छत्तीसगढ़ की सरकार अब किसानों के लिए बीज की आवश्यकता होने पर नाफेड, मध्य प्रदेश सहित अन्य पंजीकृत एजेंसियों से भी बीज की खरीदी करेगी। यह निर्णय सोमवार को मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में लिया गया।
इसके अलावा खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 के लिए समर्थन मूल्य पर किसानों से खरीदे धान की शेष राशि का भुगतान करने के लिए राज्य विपणन संघ को अतिरिक्त 3300 करोड़ रुपए देने का फैसला लिया गया। बता दें कि अंतर की राशि देने के लिए मुख्यमंत्री ने पहले ही घोषणा कर दी थी। इसके बाद से ही किसानों को धान खरीदी के अंतर की राशि का भुगतान होना शुरू हो गया है।
मंत्रिपरिषद के फैसलों की जानकारी देते हुए डिप्टी सीएम अरुण साव ने बताया, राज्य के किसानों को नवीन उन्नत किस्मों और गुणवत्ता युक्त बीजों की उपलब्धता कराने के लिए बड़ा फैसला लिया गया है। इसके तहत छत्तीसगढ़ राज्य भण्डार क्रय नियम-2002 के नियम 4 में छूट प्रदत्त संस्थाओं की सूची में विस्तार किया जाएगा। इसके तहत सबसे पहले राज्य बीज निगम प्रदेश के पंजीकृत बीज उत्पादक किसानों से खरीदी करेगी।
इसके बाद भी बीज की आवश्यकता होने पर राज्य की बीज उत्पादक सहकारी समितियों, भारत सरकार एवं राज्य सरकार के बीज उत्पादन करने वाले उपक्रमों, नाफेड, मप्र बीज महासंघ की समितियां, भारत सरकार द्वारा विभिन्न योजनाओं में इम्पैनल्ड सेंट्रल नोडल सीड एजेंसी के रूप में चयनित संस्थाओं से खरीदी की जाएगी। बीज निगम द्वारा जारी ऑफर लेटर में से न्यूनतम मूल्य प्रस्तुत करने वाली संस्था या एजेंसी से बीज की खरीदी होगी।
विधानसभा के बजट सत्र के दौरान राज्य सरकार वित्तीय वर्ष 2025-26 के मुख्य बजट से पहले तृतीय अनुपूरक बजट भी लाएगी। मंत्रिपरिषद ने वित्तीय वर्ष 2024-2025 के तृतीय अनुपूरक अनुमान का विधानसभा में उपस्थापन के लिए छत्तीसगढ़ विनियोग विधेयक-2025 के प्रारुप का अनुमोदन किया है। इसके अलावा मंत्रिपरिषद द्वारा बजट अनुमान वर्ष 2025-2026 का विधानसभा में उपस्थापन के लिए छत्तीसगढ़ विनियोग विधेयक-2025 के प्रारूप का अनुमोदन भी किया है।
विधानसभा का बजट सत्र 24 फरवरी को सुबह 11 बजे से शुरू होगा। पहले दिन ही राज्यपाल रमेन डेका का अभिभाषण होगा। मंत्रिपरिषद की बैठक ने छत्तीसगढ़ के षष्ठम् विधान सभा के पंचम सत्र फरवरी-मार्च 2025 के लिए राज्यपाल के अभिभाषण को मंजूरी दी।
बाक्स
कैबिनेट ने आईएफएस के 30 साल की सेवा पूरी कर चुके एपीसीसीएफ स्तर के अफसरों को पीसीसीएफ का वेतनमान देने का फैसला लिया है। बताया गया कि आईएफएस के 1992 से 1994 बैच बैच तक के अफसर अन्य कई राज्यों में पीसीसीएफ के पद पर पदोन्नत हो चुके हैं। छत्तीसगढ़ में पद नहीं होने के कारण यहां पदोन्नति रूकी हुई है। सरकार ने इसको लेकर छूट दी है।
विधानसभा के बजट सत्र के दौरान स्टाम्प शुल्क से जुड़ा संशोधित विधेयक पेश किया जाएगा। इसके लिए मंत्रिपरिषद ने बैंक गारंटी से संबंधित विलेखों पर स्टाम्प शुल्क की दरों के निर्धारण के लिए भारतीय स्टाम्प अधिनियम-1899 (छत्तीसगढ़ संशोधन) विधेयक-2025 के प्रारूप को मंजूरी दी है।
Updated on:
23 Feb 2025 12:11 pm
Published on:
23 Feb 2025 08:49 am