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CG Medical News: आखिर ये गड़बड़ी कैसे हुई? NRI विवाद के बीच नया घोटाला, छात्रा का नाम नहीं और दे दी सीट..

CG Medical News: रायपुर जिले में एनआरआई कोटे के छात्रों को जैसे-तैसे हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है, इसी बीच एक नया घोटाला सामने आ गया है।

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CG Medical college

CG Medical News: छत्तीसगढ़ के रायपुर जिले में एनआरआई कोटे के छात्रों को जैसे-तैसे हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है, इसी बीच एक नया घोटाला सामने आ गया है। जिस छात्रा का नाम एनआरआई कोटे में नहीं है, उन्हें रावतपुरा मेडिकल कॉलेज में सीट आवंटित की गई है।

सीट का आवंटन मापअप राउंड में किया गया है, जिसके लिए शुक्रवार को दस्तावेज सत्यापन के साथ एडमिशन का दौर शुरू हो गया। काउंसलिंग कमेटी व एजेंसी एनआईसी से ये गड़बड़ी कैसे हुई, जांच का विषय है। जानकारों के अनुसार ये बड़े घोटाले की ओर संकेत कर रहा है।

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CG Medical News: आखिर ये गड़बड़ी कैसे हुई, जांच का विषय है

CG Medical News: चिकित्सा शिक्षा विभाग ने गुरुवार को मापअप राउंड के लिए आवंटन सूची जारी की थी। इसमें 113 छात्रों के नाम हैं। सीरियल नंबर 111 में तिवारी वैभवी सोनल का नाम है, जिन्हें रावतपुरा सरकार मेडिकल कॉलेज नवा रायपुर में एनआरआई कोटे के तहत सीट मिली है। पत्रिका ने मेरिट सूची से लेकर आवंटन सूची का जब बारीकी से अवलोकन किया तो चौंकाने वाली बात सामने आई। छात्रा का नाम एनआरआई कोटे के तहत अनावंटित 50 अभ्यर्थियों की सूची में नहीं है, जो डीएमई कार्यालय ने 18 अक्टूबर को जारी की थी।

मापअप राउंड में एनआरआई की 10 सीटों का आवंटन किया है। इसमें अनावंटित सूची में शामिल 9 छात्रों के नाम है, लेकिन वैभवी का नाम ही नहीं है। उनका रोल नंबर 3103070234 है और नीट स्कोर महज 178 है। सीजी रैंक 5581 व आल इंडिया रैंक 1076771 है। जब छात्रा का नाम कोटे में नहीं है तो किस नियम के तहत उन्हें एनआरआई जैसी महंगी सीट पर आवंटन किया गया, यह बड़ा सवाल है। आखिर ये गड़बड़ी कैसे हुई, जांच का विषय है। इस कोटे की अधिकृत फीस 1.32 करोड़ रुपए है। सालाना फीस 35 हजार डॉलर है, जो छात्रों को हर साल जमा करना होता है।

विवाद सुलझने से मिल गई बड़ी राहत

पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट का आदेश बताकर प्रदेश में एनआरआई कोटे को लेकर बड़ा विवाद छिड़ गया। 22 अक्टूबर को हाईकोर्ट ने शासन के आदेश को खारिज कर दिया और दूर के एनआरआई रिश्तेदार 45 छात्रों का एडमिशन बरकरार रखा। पत्रिका विवाद उठते ही सही खबर प्रकाशित करता रहा और हाईकोर्ट के फैसले के बाद पत्रिका की खबर शत-प्रतिशत सही भी साबित हुई।

डीएमई -डॉ. यूएस पैकरा ने कहा की अगर सूची में छात्रा का नाम नहीं है, तो एनआरआई की सीट नहीं दी जा सकती। इस संबंध में काउंसलिंग कमेटी से जानकारी ली जाएगी कि आखिर ऐसे कैसे हो गया?

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हाई स्कोर वाले एडमिशन ले चुके हैं या नहीं

मापअप राउंड का आकलन करने से ये चौंकाने वाली बात भी सामने आई है कि सेकंड राउंड में 137 व 142 न्यूनतम नीट स्कोर वाले छात्रों का शंकराचार्य व अभिषेक कॉलेज में सीट आवंटन किया गया था। इसमें 142 स्कोर वाले पीयूष चंद्राकर ने अभिषेक कॉलेज में प्रवेश लिया, लेकिन 137 स्कोर वाले दायित्व सिन्हा ने प्रवेश नहीं लिया। मापअप राउंड में 430 स्कोर वाली भूमि अग्रवाल व 424 स्कोर वाली आर्ची जायसवाल को सीट आवंटित की गई है।

यही नहीं 396, 288, 246, 225, 208, 188,179 स्कोर वालों को भी सीटें मिली हैं। बड़ा सवाल है कि इससे पहले सेकंड राउंड में इससे कम स्कोर वालों को सीटें कैसी आवंटित की गई। सामान्यत: हाई स्कोर वालों को सीट आवंटन पहले होता है। कम स्कोर वालों का नंबर बाद में आता है, क्योंकि हाई स्कोर वाले एडमिशन ले चुके हैं या नहीं लेते।


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