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CG News: दिवाली के मौसम में भी किसानों के चेहरों पर उदासी, धान की फसल पर संकट के बादल

CG News: छत्तीसगढ़ में धान की फसलों पर भूरा माहों और माइट का प्रकोप बढ़ गया है, जिससे किसानों की चिंता गहराती जा रही है।

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किसानों की चिंता बढ़ी (Photo source- Patrika)

किसानों की चिंता बढ़ी (Photo source- Patrika)

CG News: क्षेत्र में किसानों के लिए इस बार धान की फसल को सुरक्षित बचा पाना चुनौती भरा काम हो गया है। पहले बारिश, महंगाई और अब कीट प्रकोप ने किसानों को आर्थिक रूप से कमजोर कर दिया है। धान की फसल अब बीमारियों की भेंट चढ़ रही है। डीएपी की मार झेलने के बाद तेज हवा और वर्षा धान की फसलों को जमींदोज करने आतुर है। वहीं मौसम की मार और बदली-बारिश से भी फसलों को काफी नुकसान होने लगा है।

लिहाजा दिवाली सीजन में भी बाजारों पर सन्नाटा पसरा हुआ है। किसानों की चिंता के आगे दिवाली की रौनक बौना साबित हो रही है। किसानों की चेहरे पर मायूसी और चिंता की लकीरें साफ दिखाई पड़ रही है। फिर भी क्षेत्र के पटवारी और कृषि विस्तार अधिकारी जैसे जिम्मेदार अधिकारियों के पास किसानों की सुध लेने के लिए फुर्सत नहीं है।

गौरतलब है किए हल्की और भारी दोनों ही प्रजातियों की धान बीमारी की चपेट में आने लगी है। धान की पत्तियां जहां पीली पड़ने, सूखने जैसे रोग से ग्रसित हो रही है। वहीं हल्की फसल पर भूरा माहों रोग का असर होने लगा है। फसलों में बीमारी होने से न केवल किसान परेशान हो रहे हैं। बल्कि उन्हें अब धान के नुकसान होने की चिंता भी सताने लगी है। लगातार मौसम में बदलाव होने से धान की फसलों को नुकसान होने लगा है।

CG News: 20 एकड़ की खेती करने वाले सारागांव के किसान विरेंद्र वर्मा ने बताया कि पहले अतिवृष्टि और अब रुक-रुक हो रही बारिश फसलों को नुकसान पहुंचा रही है। मौजूदा समय में धान में बालियां निकल आई है और धान पककर तैयार हो रहे है, जिसमें माइट, भूरा माहों, तनाछेदक रोग का प्रकोप हो गया है। वहीं कीटनाशक दवाई का छिड़काव करने के बाद भी कीट प्रकोप कम नहीं हो पा रहा है। किसानों ने कहा कि लगातार बादल छाए रहने के कारण फसलों पर कीटों ने हमला बोल दिया है।

ब्लास्ट, गलन जैसे बीमारी के चलते पौधे मर रहे हैं। कीटनाशक दवाएं बेअसर साबित हो रही है। इसलिए इस बार फसल उत्पादन पर असर पड़ेगा। साथ ही धान की क्वालिटी भी प्रभावित होगीं। निलजा के किसान राकेश वर्मा ने बताया कि पहले फसल अच्छी थी। इसलिए अच्छे उत्पादन होने की उम्मीद थी। जिस पर बीमारियों ने अब पानी फेर दिया है। फसल के विकास पर फर्क पड़ने से इस साल उत्पादन भी घटने की आशंका है।

CG News: दर्जनों गांवों के किसानों ने बताया कि खेतों में दवाई डालने का कोई असर नहीं हो रहा है। इससे उन्हें आर्थिक बोझ उठाना पड़ रहा है। खेत में धान की फसल अच्छी है, परंतु कीड़ों की प्रकोप से वे काफी परेशान हैं। निलजा के ही किसान जीधन वर्मा ने बताया किए बाजार से दवाइयां लाकर धान की फसलों पर छिड़काव किया, उसके बावजूद कोई सुधार नहीं आया। दवा का छिड़काव करने के बाद भी कीट की रोकथाम नहीं होनें से फसल को माहों चट कर रहे हैं। उत्पादन में लगभग 15 से 20 प्रतिशत की कमी आने की आशंका है, जिसका सीधा असर अनाज की गुणवत्ता और पैदावार पर पड़ेगा।