8 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

कांग्रेस के निलंबित-निष्कासित नेताओं की होगी घर वापसी, सचिन पायलट के निर्देश पर समिति गठित, जानिए क्या होगा फायदा?

Political News: छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुानव के बाद कांग्रेस पार्टी के बर्खास्त नेताओं की पार्टी में वापसी हो सकती‌ है। इसके संकेत पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष बैज ने दिए हैं।

2 min read
Google source verification
CG Politics News

CG Politics News: विधानसभा में चुनाव में मिली हार के बाद संगठन में बड़ी फूट पड़ गई है। कुछ नेता पार्टी छोड़कर चले गए और कुछ भितरघात करने वाले नेताओं को पार्टी ने बाहर का रास्ता दिखा दिया था। इस दौरान इन नेताओं ने अपने वरिष्ठ नेताओं पर कई गंभीर आरोप भी लगाए थे। इसके बाद कुछ नेताओं ने संगठन से लिखित में माफी भी मांगी थीं। इसके बाद ये नेता लगातार पार्टी में वापस के लिए प्रयासरत थे। अब उनकी घर वापसी का रास्ता खुल सकता है।

दरअसल, निलंबित कांग्रेस के नेताओं ने घर वापसी के लिए सीधे प्रदेश प्रभारी सचिन पायलट तक अपनी एप्रोच लगाई थी। इसके अलावा घर वापसी के लिए लिखित में आवेदन भी दिया था। इसे प्रदेश प्रभारी पायलट ने भी गंभीरता से लिया है। पायलट ने जितने भी आवेदन आए हैं, उनकी जांच के लिए एक प्रदेश स्तरीय समिति गठित की है।

यह हैं समिति के सदस्य

समिति में सात लोगों को जगह दी गई है। इसमें प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज, नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत, प्रदेश सहप्रभारी एसए संपत कुमार, जरिता लैतफलांग, विजय जांगिड़ को रखा गया है। इसके अलावा इसमें कांग्रेस के दो पूर्व प्रदेश अध्यक्ष धनेन्द्र साहू और मोहन मरकाम भी सदस्य हैं।

यह भी पढ़े: भाजपा ने अपने मंडलों की बढ़ाई संख्या, 33 जिलों में BJP की नई यूनिट्स होंगी एक्टिव, जानिए किस संभाग में कितने मंडल?

यह होगा फायदा

निकाय व पंचायत चुनाव में संगठन को मजबूत करना बहुत जरूरी है। निलंबित नेताओं का अपने-अपने क्षेत्र में प्रभाव रहता है। ऐसे में यदि वे पार्टी से जुड़ेंगे, तो उसका लाभ मिलेगा।

रिक्त पदों पर नियुक्ति जल्द

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बैज ने शनिवार को दिल्ली में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष से मुलाकात की है। इसके बाद इस बात की चर्चा तेज हो गई है कि संगठन के रिक्त पदों पर जल्द नियुक्ति हो सकती है। इसके अलावा संगठन में बदलाव की भी चर्चा तेज है।