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लू लगना खतरनाक एवं जानलेवा भी हो सकता है। शरीर में कुछ लक्षणों के आधार पर जाना जा सकता है कि हमें लू लग गई है। बहुत तेज बुखार आना, सिर भारी लगना, शरीर से पसीना न निकलना, उल्टी होना, हाथ-पैर में दर्द होना, त्वचा का सूखा, गर्म व लाल होना, चक्कर एवं बेहोशी आना इसके लक्षण हैं। कुछ सामान्य उपाय अपनाकर लू से बचा जा सकता है। गर्मियों में पानी एवं अन्य तरल पदार्थों का अधिक से अधिक सेवन करें, सफेद या हल्के रंग का सूती का कपड़ा पहनें, धूप के चश्मे, टोपी तथा छाता का प्रयोग करें, धूप में बाहर निकलने से बचें।
2)
यदि धूप में निकलना जरूरी हो तो खाली पेट घर से बाहर न निकलें। गर्मी के दिनों में शीघ्र पचने वाला भोजन करना चाहिए व दिन में बार-बार पानी पीते रहना चाहिए। नाक व कान को ढंककर या लपेटकर निकलें। धूप के चश्मे, टोपी और छाता का इस्तेमाल करें। मौसमी फलों जैसे तरबूज़, अंगूर, खरबूज़ा इत्यादि का सेवन भी लू से बचाव में लाभदायक रहता है। लू के लक्षण होने पर तुरंत अपने नजदीकी शासकीय स्वास्थ्य केंद्र जाएं या मितानिन से संपर्क करें।
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लू लगना खतरनाक एवं जानलेवा भी हो सकता है। शरीर में कुछ लक्षणों के आधार पर जाना जा सकता है कि हमें लू लग गई है। बहुत तेज बुखार आना, सिर भारी लगना, शरीर से पसीना न निकलना, उल्टी होना, हाथ-पैर में दर्द होना, त्वचा का सूखा, गर्म व लाल होना, चक्कर एवं बेहोशी आना इसके लक्षण हैं। कुछ सामान्य उपाय अपनाकर लू से बचा जा सकता है। गर्मियों में पानी एवं अन्य तरल पदार्थों का अधिक से अधिक सेवन करें, सफेद या हल्के रंग का सूती का कपड़ा पहनें, धूप के चश्मे, टोपी तथा छाता का प्रयोग करें, धूप में बाहर निकलने से बचें।
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यदि धूप में निकलना जरूरी हो तो खाली पेट घर से बाहर न निकलें। गर्मी के दिनों में शीघ्र पचने वाला भोजन करना चाहिए व दिन में बार-बार पानी पीते रहना चाहिए। नाक व कान को ढंककर या लपेटकर निकलें। धूप के चश्मे, टोपी और छाता का इस्तेमाल करें। मौसमी फलों जैसे तरबूज़, अंगूर, खरबूज़ा इत्यादि का सेवन भी लू से बचाव में लाभदायक रहता है। लू के लक्षण होने पर तुरंत अपने नजदीकी शासकीय स्वास्थ्य केंद्र जाएं या मितानिन से संपर्क करें।
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